यूजीसी से बड़ी राहतः सहायक प्रोफेसर पद के लिए जुलाई 2023 तक पीएचडी अनिवार्य नहीं

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 13-10-2021
यूजीसी से बड़ी राहत
यूजीसी से बड़ी राहत

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, यूजीसी ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए पीएचडी की अनिवार्य योग्यता 2023 तक के लिए स्थगित कर दी है.न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक खबर के अनुसार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर विश्वविद्यालयों के विभागों में सहायक प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यता के रूप में पीएचडी की प्रयोज्यता की तिथि 1 जुलाई, 2021 से बढ़ाकर 1 जुलाई, 2023 करने का निर्णय लिया है.

यह जानकारी यूजीसी के एक आधिकारिक बयान में दी गई है.संशोधन को यूजीसी (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के लिए उपाय), संशोधन विनियमन, 2021 के रूप में जाना जाएगा.

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने यूजीसी के इस कदम का स्वागत किया है.संघ के अध्यक्ष राजीव रे ने कहा कि यह विश्वविद्यालय के विभागों में काम करने वाले तदर्थ शिक्षकों के लिए बड़ी राहत है.उन्होंने कहा, “ यह संघ की बड़ी जीत है, क्योंकि कोविड के मद्देनजर इसकी मांग की जा रही थी.

14 अगस्त को यूजीसी के साथ इस मुद्दे को उठाया जा चुका है. 15 सितंबर को यूजीसी के अधिकारियों से इस मसले पर मुलाकात भी की गई थी. संघ ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को तुरंत विज्ञापन देकर शुद्धि पत्र जारी करना चाहिए, ताकि सभी विभिन्न विभागों में विज्ञापित पदों के लिए आवेदन कर सकें .