शाहनवाज आलम/ नई दिल्ली
हज पर जाने वाले भारतीय मुस्लिम अब 15 जनवरी 2024 तक आवेदन कर सकते हैं.राज्य हज कमेटियों की गुजारिश पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने इसकी मियाद बढ़ाने का ऐलान किया है.हज आवेदन हज कमेटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट (https://www.hajcommittee.gov.in/) या मोबाइल ऐप ‘हज सुविधा’ (Haj Suvidha) पर ऑनलाइन भरे जा सकते है.
आवेदन करने के लिए पासपोर्ट के साथ आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, कोरोना वैक्सीन के डबल डोज का सर्टिफिकेट और बैंक खाते का कैंसिल चेक जरूरी है.2023 के मुकाबले अगले साल देश से अधिक हज यात्रियों की जाने की उम्मीद है.05दिसंबर को भारत के दौरे पर आए सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्री तौफिग बिन फौजान अल-रबिया ने भारत सरकार को यहां से जाने वाले हाजियों को बेहतर सुविधाएं और अधिक कोटा देने का आश्वासन दिया है.
हज कमेटी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया है कि इस बार हज कोटा बढ़ाकर दो लाख किए जाने की संभावना है.इसमें 80फीसदी हज कमेटी के द्वारा और 20 फीसदी निजी हज ग्रुप ऑर्गेनाइजर्स द्वारा जाएंगे.हाल ही में भारत के दौरे पर आए सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्री के साथ केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री स्मृति ईरानी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ इस मामले में गुफ्तगु हुई है.साल 2023 में 1,75,025 हाजियों का कोटा तय किया गया था.
इस साल के शुरुआत में भारत सरकार ने हज पॉलिसी – 2024 की घोषणा की गई थी, जिसमें महिलाओं पर अधिक फोकस किया गया है.इसमें गर्भवती महिलाएं भी कुछ शर्तों के साथ हज यात्रा कर सकती है.45 साल से अधिक उम्र की महिला बिना किसी पुरुष के हज पर जा सकती है, इसके लिए चार महिलाओं का समूह होना आवश्यक है.
साल 2023 के मुकाबले 2024 में जाने वाले हज यात्रियों को 55हजार रुपये कम खर्च करने होंगे, क्योंकि सऊदी अरब सरकार ने ‘मोअल्लिम’ (धर्म शास्त्री, जो हाजियों का तवाफ और मक्का-मदीना में दुआएं करवाते है) के खर्च में 2521 रियाल (करीब 55 हजार) रुपये कम कर दिए है.
हज कमेटी के खर्च के अनुसार, राज्य अनुसार अलग-अलग खर्च आता है.औसतन एक हाजी को हज कमेटी के मार्फत हज करने में करीब 3से 3.5लाख रुपए खर्च होते है, जबकि निजी ऑपरेटर के जरिये हज पर जाने पर 5लाख रुपये या इससे अधिक खर्च होते है.बता दें कि हज इस्लाम के पांच फर्ज में से एक है.बाकी चार फर्ज – कलमा, रोजा, नमाज और जकात है.
यह हुए है नए बदलाव –