राकेश चौरासिया
इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र स्थल ‘काबा’ अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है. लाखों मुस्लिम हर साल हज और उमरा इसकी तीर्थयात्रा करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि काबा के अंदर कौन प्रवेश कर सकता है? जवाब है, बहुत कम लोग. काबा के अंदर का हिस्सा बेहद पवित्र माना जाता है और केवल कुछ चुनिंदा लोगों को ही प्रवेश की अनुमति है.
काबा में अंदर जाने की पात्रता
कौन है काबा का असली संरक्षक
16वीं सदी से भी ज्यादा वक्त से काबा की चाबी शायबा परिवार के पास है. बगैर उनकी इजाजत के कोई काबा के अंदर दाखिल तक नहीं हो सकता है. काबा की चाबी रखने वाले को ”सादीन” कहा जाता है. अभी शायबा के परिवार के सालेह-अल-शाइबी काबा के संरक्षक हैं और चाबी उन्हीं के पास है. अरब न्यूज के मुताबिक अब तक 110 लोगों को काबा की देखभाल का सम्मान मिल चुका है.
सोने की बनी है चाबी, सैकड़ों सालों से नहीं बदली
काबा की चाबी सोने की बनी है और बहुत हिफाजत से रखी जाती है. 14वीं सदी के बाद से चाबी बदली नहीं गई है. काबा से जुड़े अफसरों के मुताबिक चाबी इसलिए भी नहीं बदली गई कि डिजाइन में जरा सी हेरफेर से ताला खोलने में परेशानी आ सकती है.
काबा के केयरटेकर कहते हैं कि चाबी बहुत खास है और डिजाइन आम चाबी से बहुत अलग है. इसको इस तरीके से बनाया गया है कि सिर्फ जिसके पास चाबी रहती है, वही इससे लॉक खोलना जानता है. दूसरा कोई नहीं खोल पाएगा.
काबा के अंदर क्या है?
काबा के अंदर प्रवेश करना एक अत्यंत सम्मानजनक और आध्यात्मिक अनुभव माना जाता है. जो लोग इस अवसर को प्राप्त करते हैं, वे खुद को अत्यंत भाग्यशाली मानते हैं.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि काबा के अंदर जाने की अनुमति के लिए कोई लिखित नियम या कानून नहीं है. यह संरक्षक और अधिकारियों के विवेक पर निर्भर करता है और समय के साथ बदल सकता है.