अराफात के दिन क्या पढ़ना चाहिए?

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 27-05-2024
Maidan-e-Arafat
Maidan-e-Arafat

 

राकेश चौरासिया

अराफात का दिन हज यात्रियों के लिए सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण दिन होता है. इस दिन हज यात्री मक्का के पास मैदान-ए-अराफात में इकट्ठा होते हैं और दुआएं करते हैं.

मैदान-ए-अराफात

  • अराफात एक दिन का होता है. यह इस्लामी कैलेंडर के धू अल-हिज्जा महीने के नौवें दिन को मनाया जाता है. हज यात्री अराफात के दिन मक्का के पास मैदान-ए-अराफात में इकट्ठा होते हैं और दुआएं करते हैं. यह दिन हज यात्रा का दूसरा दिन होता है और इसके बाद ईद-उल-अधा की छुट्टी होती है.
  • अराफात का दिन मुसलमानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस दिन वे अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं और अल्लाह से दुआएं करते हैं.
  • अराफात के दिन कई तरह की रस्मों को निभाया जाता है. इनमें वुजू करना, नमाज पढ़ना, दुआएं करना और कुरान की तिलावत करना शामिल है. अराफात के दिन कई तरह की दुआएं पढ़ी जा सकती हैं.

कुछ प्रसिद्ध दुआएं

  • दुआ-ए-अराफातः यह अराफात के दिन पढ़ी जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण दुआ है.
  • दुआ-ए-मुस्तहबः यह दुआ भी अराफात के दिन पढ़ी जा सकती है.
  • दुआ-ए-मजलूमः यह दुआ मजलूमों के लिए पढ़ी जाती है.
  • अराफात के दिन आप अपनी मनोकामनाओं के लिए भी दुआ कर सकते हैं.

दुआ करते समय

  • पूरा ध्यान दुआ पर लगाएं.
  • दिल से दुआ करें.
  • ईश्वर से विनम्रतापूर्वक अपनी प्रार्थना करें.

यह केवल सामान्य जानकारी है. धार्मिक मामलों में किसी भी निर्णय लेने से पहले आपको किसी विश्वसनीय धार्मिक विद्वान से सलाह लेनी चाहिए.