चंद्रघंटा माता को क्या चढ़ाया जाता है?

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 10-04-2024
Chandraghanta Mata
Chandraghanta Mata

 

राकेश चौरासिया

चैत्र नवरात्रि 2024 चल रहे हैं और 11 अप्रैल को तीसरा नवरात्र है. इस तीसरे नवरात्र की अधिष्ठात्री देवी मां चंद्रघटा हैं, जो मां दुर्गा के नौ स्वरूपों में से तीसरे दिन पूजित देवी का स्वरूप है. इनका स्वरूप अत्यंत शांत और कल्याणकारी माना जाता है.

मां चंद्रघंटा का जन्म

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध करने के लिए ‘चंडी’ रूप धारण किया था, तब उनके माथे से निकली ज्योति से मां चंद्रघंटा प्रकट हुईं.

मां का नामकरण

मां चंद्रघटा का नामकरण उनके मस्तक पर अर्धचंद्र धारण करने के कारण हुआ है. ‘घंटा’ का अर्थ है ‘घंटी’, और ‘चंद्र’ का अर्थ है ‘चंद्रमा’.

मां का स्वरूप

  • मां चंद्रघटा का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है.
  • इनके दस हाथ हैं, जिनमें खड्ग, आदि शस्त्र और बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं.
  • इनका वाहन सिंह है.
  • इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है.
  • इनके मस्तक पर अर्धचंद्र है, जो शांत मन और बुद्धि का प्रतीक है.
  • मां चंद्रघटा की पूजा से भक्तों के मन में शांति और समृद्धि आती है.
  • मां भक्तों को शत्रुओं से विजय दिलाती हैं.
  • मां दुष्ट शक्तियों से भक्तों की रक्षा करती हैं.
  • मां चंद्रघटा की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

मां चंद्रघंटा का वाहन सिंह है

मां चंद्रघंटा नवरात्रि के तीसरे दिन पूजित देवी का स्वरूप हैं. इनका वाहन सिंह है. सिंह शक्ति, साहस, और पराक्रम का प्रतीक है.

सिंह मां चंद्रघंटा का वाहन क्यों है?

  • सिंह शक्ति, साहस, और पराक्रम का प्रतीक है. मां चंद्रघंटा भी इन गुणों से युक्त हैं.
  • सिंह एक भयंकर जानवर है. मां चंद्रघंटा भी दुष्टों का नाश करने वाली देवी हैं.
  • सिंह का रंग सोने जैसा होता है. मां चंद्रघंटा का भी रंग सोने जैसा चमकीला होता है.
  • सिंह के गुणों का मां चंद्रघंटा से संबंध
  • सिंह का साहस मां चंद्रघंटा के भक्तों को शत्रुओं पर विजय दिलाता है.
  • सिंह की शक्ति मां चंद्रघंटा के भक्तों को जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करती है.
  • सिंह का पराक्रम मां चंद्रघंटा के भक्तों को दुष्ट शक्तियों से बचाता है.

मां चंद्रघटा को क्या पसंद है?

  • मां चंद्रघटा को पीला रंग बहुत पसंद है.
  • मां चंद्रघटा को गुलाब, चमेली, और कमल के फूल बहुत पसंद हैं.
  • मां चंद्रघटा को दूध से बनी खीर और हलवा बहुत पसंद है.
  • मां चंद्रघटा का मंत्र ‘ॐ जय चंद्रघंटायै नमः’ है.

मां चंद्रघटा की पूजा विधि

  1. मां चंद्रघटा की पूजा के लिए भक्तों को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए.
  2. इसके बाद मां चंद्रघटा की प्रतिमा को स्थापित करना चाहिए.
  3. मां को फल, फूल, मिठाई, और दीप अर्पित करना चाहिए.
  4. मां को स्वनिर्मित मिष्ठान चढ़ाएं, तो ज्यादा फलदायी होगा.
  5. मां चंद्रघटा की आरती और स्तुति का पाठ करना चाहिए.

मां चंद्रघटा की आरती

जय चंद्रघंटा जय जय चंद्रघंटा.

अष्टभुजा देवी सुखकारी॥

मां चंद्रघटा की स्तुति

या देवी सर्वभूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता.

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघटा की पूजा करके आप उनके आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.