बारिश के बारे में कुरान में क्या कहा गया है?

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 02-08-2024
बरखा बहार आई ...
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राकेश चौरासिया

बारिश प्रकृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो न केवल पृथ्वी की प्यास बुझाती है, बल्कि वनस्पतियों और जीवों के जीवन का आधार भी है. इस्लाम में, बारिश को अल्लाह की एक महत्वपूर्ण नेमत (अनुग्रह) माना गया है. कुरान करीम में बारिश के महत्व और उसके आशीर्वाद के बारे में कई आयतें हैं. आइए, कुरान में बारिश के बारे में विस्तृत चर्चा करें.

बारिश का महत्व और अल्लाह की नेमत

कुरान में बारिश को अल्लाह की एक महत्वपूर्ण नेमत के रूप में प्रस्तुत किया गया है. यह मानवता के लिए एक आशीर्वाद है, जो जीवन के लिए आवश्यक संसाधनों की पूर्ति करती है. बारिश के द्वारा अल्लाह अपने बंदों पर अनुग्रह करता है और उन्हें जीवन के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करता है.

कुरान में अल्लाह फरमाता है: ‘‘और वह (अल्लाह) ही है जो अपनी दया (बारिश) से पहले हवाओं को खुशखबरी देने के लिए भेजता है. जब वे भारी बादल उठा लेती हैं, तो हम उसे एक मृत (बंजर) भूमि की ओर भेज देते हैं. फिर हम उसके द्वारा पानी उतारते हैं, फिर हम उसके द्वारा सब प्रकार के फल निकालते हैं. इस प्रकार हम मुर्दों को निकालेंगे, ताकि तुम ध्यान दो.’’ (सूरा अल-आराफ, 7ः57)

इस आयत में अल्लाह बारिश को अपनी दया के रूप में वर्णित करते हैं और यह भी बताते हैं कि कैसे बारिश के द्वारा मृत भूमि को जीवित किया जाता है.

बारिश और पुनरुत्थान का संदेश

कुरान में बारिश को पुनरुत्थान (कयामत) के संकेत के रूप में भी प्रस्तुत किया गया है. जिस प्रकार बारिश मृत भूमि को जीवित करती है, उसी प्रकार अल्लाह कयामत के दिन मुर्दों को पुनर्जीवित करेगा.

अल्लाह फरमाता हैः ‘‘और अल्लाह ही है, जिसने आकाश से पानी उतारा, फिर हमने उसके द्वारा हर प्रकार के पेड़-पौधे निकाले, फिर हमने उससे हरे-भरे खेत निकाले, जिनसे हम परस्पर जुड़े हुए दाने निकालते हैं. और खजूर के पेड़ों से, उनके गुच्छों से, लटके हुए गुछे, और अंगूर, जैतून, और अनार के बाग, जो एक-दूसरे से मिलते-जुलते हैं और नहीं भी मिलते. देखो उसके फल को, जब वह फलता है और उसके पकने को. इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ हैं जो ईमान लाते हैं.‘‘ (सूरा अल-अनाम, 6ः99)

बारिश और मानवता के लिए अल्लाह का अनुग्रह

कुरान में बारिश को अल्लाह की शक्ति और उसकी अनुकंपा के रूप में भी दर्शाया गया है. यह मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है, जो जीवन को संभव बनाता है.

अल्लाह फरमाता हैः ‘‘क्या तुमने देखा नहीं कि अल्लाह ही है, जिसने आकाश से पानी उतारा, फिर हमने उससे विभिन्न रंगों के फल निकाले? और पहाड़ों में भी श्वेत, रक्तवर्ण, और विभिन्न रंगों के हिस्से हैं और कुछ गहरे काले.‘‘ (सूरा फातिर, 35ः27)

इस आयत में बारिश के द्वारा विभिन्न प्रकार के फलों और फसलों की उत्पत्ति का वर्णन किया गया है, जो अल्लाह की शक्ति और उसकी अनुकंपा का प्रमाण है.

बारिश के माध्यम से अल्लाह की ताकत का प्रदर्शन

कुरान में बारिश को अल्लाह की ताकत और उसके अद्भुत कारीगरी का प्रदर्शन भी बताया गया है. यह दर्शाता है कि अल्लाह किस प्रकार से अपने बंदों के लिए सभी आवश्यक संसाधनों की पूर्ति करता है.

अल्लाह फरमाता हैः ‘‘और हमने आकाश से एक मापे हुए अनुसार पानी उतारा, फिर हमने उसे धरती में ठहरा दिया. और निश्चय ही हम उसे गायब कर सकते हैं.’’ (सूरा अल-मोमिनून, 23ः18)

बारिश के द्वारा जीवन की पुनरुत्पत्ति

कुरान में बारिश को जीवन की पुनरुत्पत्ति के रूप में भी वर्णित किया गया है. यह दर्शाता है कि कैसे बारिश के द्वारा बंजर भूमि को हरा-भरा किया जाता है और जीवन को पुनः जीवित किया जाता है.

अल्लाह फरमाता हैः ‘‘और अल्लाह ही है जिसने हवाओं को भेजा, फिर उन्होंने बादलों को उठाया, फिर हमने उसे एक मृत (बंजर) भूमि की ओर भेज दिया. फिर हमने उससे पानी उतारा, फिर हमने उससे हर प्रकार के फल निकाले. इस प्रकार हम मुर्दों को निकालेंगे, ताकि तुम ध्यान दो.’’ (सूरा अल-आराफ, 7ः57)

इस आयत में अल्लाह बारिश के माध्यम से जीवन की पुनरुत्पत्ति का वर्णन करते हैं, जो कयामत के दिन मुर्दों के पुनर्जीवित होने का संकेत है.

बारिश और अल्लाह की रहमत

कुरान में बारिश को अल्लाह की रहमत (दया) के रूप में भी प्रस्तुत किया गया है. यह दर्शाता है कि कैसे अल्लाह अपनी दया के माध्यम से अपने बंदों पर अनुग्रह करता है और उन्हें जीवन के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करता है.

अल्लाह फरमाता हैः ‘‘और वही है जिसने अपनी दया (बारिश) से पहले हवाओं को खुशखबरी देने के लिए भेजा, और हमने आकाश से शुद्ध पानी उतारा.’’ (सूरा अल-फुरकान, 25ः48)

इस आयत में अल्लाह हवाओं और बारिश को अपनी दया के रूप में वर्णित करते हैं, जो मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है.

कुरान में बारिश को अल्लाह की एक महत्वपूर्ण नेमत और उसकी अनुकंपा के रूप में प्रस्तुत किया गया है. यह जीवन के लिए आवश्यक संसाधनों की पूर्ति करती है और बंजर भूमि को हरा-भरा करती है. इसके साथ ही, बारिश को पुनरुत्थान का संकेत भी माना गया है, जो कयामत के दिन मुर्दों के पुनर्जीवित होने का प्रतीक है. अल्लाह की रहमत और उसकी ताकत का प्रदर्शन बारिश के माध्यम से होता है, जो उसके बंदों के लिए एक महत्वपूर्ण आशीर्वाद है. इस प्रकार, कुरान में बारिश के महत्व और उसके आशीर्वाद का विस्तृत वर्णन किया गया है, जो मानवता के लिए अल्लाह की अनुकंपा और उसकी दया का प्रमाण है.