यूक्रेन: कीव इस्लामिक कल्चरल सेंटर और बैंड-बाजा-बारात

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 06-03-2022
यूक्रेन: कीव का इस्लामिक कल्चरल सेंटर और बैंड-बाजा-बारात
यूक्रेन: कीव का इस्लामिक कल्चरल सेंटर और बैंड-बाजा-बारात

 

रूस की बम वर्षा से अभी भले ही यूक्रेन की राजधानी कीव खंडहर में तब्दील हो गई है. मगर यहां की संस्कृति परंपरा और विरासत बेहद मजबूत रही है. यूक्रेनी मुसलमान भी यहां की परंपराओं और सांस्कृति विरासत को आगे बढ़ाने में किसी से पीछे नहीं. मगर ऐसा भी नहीं है कि इस बीच उन्होंने इस्लामिक परंपराओं से किनारा कर लिया है. यूक्रेनी मुस्लिम औरतें अभी भी आपको हिजाब में देखने को मिल जाएंगी. मुसलमानों की इस्लामिक परंपरा को बनाए रखने में कीव का इस्लामिक कल्चरल सेंटर का अहम रोल निभाता रहा है. यहां तक कि यहां निकाह-शादी तक आयोजित किए जाते हैं. यूक्रेन के मुसलमानों के बारे में जानकारी देने की इस कड़ी में आज मलिक असगर हाशमी रूबरू करा रहे हैं कीव के इस्लामिक कल्चरल सेंटर से.
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केंद्र से इस्लाम का प्रसार


दरअसल, कीव इस्लामिक सांस्कृतिक केंद्र यूक्रेन में एक मस्जिद और सांस्कृतिक संगठन के तौर पर अपनी पहचान रखता है. इसका भवन कीव शहर के बीचो-बीच स्थित है. यहां 9 सांस्कृतिक केंद्र हैं. आईसीसी की इमारत से ही यूक्रेन के मुसलमानों की मजहबी गतिविधियां संचालित होती हैं.
 
केंद्र में ‘उम्मा’ की मेजबानी के लिए प्रशासनिक कार्यालय अलावा शरिया कमेटी, अधिकार संरक्षण संगठन,  हलाल प्रमाण पत्र केंद्र,अनुसंधान केंद्र, प्रकाशन कार्यालय अंसार फाउंडेशन, व्यायामशाला भी है.
 

इबादत के साथ मनोरंजन 

 
आईसीसी में महिला, पुरुष के लिए दो इबादतगाह है, जहां लगभग 1500 लोग बैठ सकते हैं. कीव में जुमे की नमाज इसी सेंटर के हाल मेंसामूहिक तौर पर होती है. सेंटर में कुरान पढ़ने और कुरान
हिफ्ज करने की भी सहुलियत है.
 
रमजान के पवित्र महीने में आईसीसी में लोग इफ्तार के लिए इकट्ठेहोते हैं. ईद अल-फितर और ईद अल-अधा की नमाज के साथ बच्चों के लिए मनोरंजक कार्यक्रम भी इस्लामिक सेंटर में आयोजित किए जाते हैं.
 

महिलाओं का व्यक्तित्व विकास


व्यक्तिगत विकास के लिए आईसीसी कार्यशालाओं का आयोजन करता करता है. यहां महिलाओं के लिए परिवार,मनोविज्ञान सहित विभिन्न विषयों पर कक्षाएं और व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं. इसके अलावा, महिलाओं के लिए सिलाई, खाना पकाने,फिटनेस के लिए भी  कक्षाएं चलती हैं.
 
यहां अरबी भाषा और इस्लामी संस्कृति के पाठ्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इसी सेंटर से यूक्रेन में इस्लाम के प्रचार-प्रसार का काम होता है.
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सेंटर और शादी-ब्याह


कीव इस्लामिक कल्चरल सेंटर में शादी समारोह भी आयोजित किए जाते हैं. यहां के शादी समारोह में आपको वही नजारे देखने को मिल जाएंगे जैसा कि हिंदुस्तान-पाकिस्तान के समय शादी के कार्यक्रमों में देखने को मिलता है.
 
यहां जोड़ों को निकाह पढ़ाने की जिम्मेदारी बेकिर सुलेमानोव की है. इस दौरान इस्लामिक परंपरा और दिशा-निर्देश का पूरा पालन किया जाता है. मुफ्ती सईद बताते हैं कि यहां आयोजित होने वाले शादी समारोह में लड़के-लड़की और उनके परिवार-दोस्त इकट्ठे होते हैं.
 
निकाह के समय जैसे दुनिया के अन्य हिस्सों में मौलवी-मुफ्ती होने वाले पति-पत्नी को परिवार के अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में बताते हैं, यहां भी बिल्कुल ऐसा ही शादी समारोहों में देखने को मिलता है. शादी से पहले लड़के और लड़की को बताया जाता है कि उन्हें विवाह के बाद जीवनकाल तक एक दूसरे का साथ निभाना है.
 

निकाह से पहले सहमति


शादी समारोह से पहले सेंटर की ओर से जोड़े के परिजनों को बताया जाता है कि उन्हें इसके लिए क्या करना है ? आम मुसलमानों की तरह यूक्रेनी मुसलमान भी दुल्हन की सहमति पारंपरिक निभाते हैं, ताकि वहां मौजूद लोग आश्वस्त हो सकें कि लड़की की इजाजत के बाद ही निकाह पढ़ाई जा रही है.
 
यहां की परंपरा  के अनुरूप दूल्हे से केवल एक बार निकाह के बारे में पूछा जाता है. भारत में दूल्हे से भी तीन बार निकाह के लिए इजाजत लेने की परंपरा है.जोड़े की शादी का ऐलान करने से पहले मुफ्ती पारंपरिक रूप से मेहर के बारे में पूछते हैं.
 
यहां मेहर को दुल्हन के लिए दूल्हे से शादी का उपहार माना जाता है. मेहर के बारे में दुल्हन के संतुष्ट होने के बाद ही शादी का संपन्न होना माना जाता है. यहां भी माना जाता है कि नवविवाहिता जोड़ी इस शादी से संतुष्ट और प्रसन्न हैं.
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बधाई देने की लंबी परंपरा


यहां शादी की बधाई देने की लंबी परंपरा है. इस मौके पर दोनों परिवारों के मेहमानों के अलावा स्थानीय पत्रकारों को  दावत दी जाती है. आईसीसी भवन में स्थित जिमनैजियम ‘‘अवर फ्यूचर‘‘ के बच्चों द्वारा नवविवाहता और उनके परिवार को बधाई देने का सिलसिला लंबे समय से चला आ रहा है.
 
बधाई देने वालों में कीव इस्लामिक कल्चरल सेंटर की टीम भी होती है. निकाह के बाद यहां भी वलिमा के आयोजन की प्रथा है.