राष्ट्रपति चुनावः 25 जुलाई को ही शपथ क्यों लेते हैं राष्ट्रपति?

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 17-07-2022
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अंगरक्षकों के साथ (फाइल तस्वीर)
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अंगरक्षकों के साथ (फाइल तस्वीर)

 

मंजीत ठाकुर/ नई दिल्ली

यह बात सच है कि पिछले 9 राष्ट्रपतियों ने 25 जुलाई को ही शपथ ग्रहण किया है, लेकिन यह प्रथा हमेशा से प्रचलन में नहीं थी.

डॉ. राजेंद्र प्रसाद जब पहली बार राष्ट्रपति बने उस समय तक अंतरिम सरकार ही चल रही थी. संविधान लागू होने के साथ डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने शपथ ली थी और वह दिन था 26 जनवरी 1950 का. लेकिन देश में पहले संसदीय चुनाव होने के बाद यह माना गया कि राष्ट्रपति का चुनाव भी होना चाहिए और तब 1952 में डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति चुने गए.

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डॉ. राजेंद्र प्रसाद दो और पूर्ण कार्यकाल तक राष्ट्रपति रहे और अपने पद पर 12 मई, 1962 तक बने रहे. देश के दूसरे राष्ट्रपति के रूपे में 13 मई, 1962 को सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शपथ ग्रहण किया था. डॉ. राधाकृष्णन का कार्यकाल 13 मई, 1967 को खत्म हुआ.

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13 मई, 1967 को डॉ. जाकिर हुसैन तीसरे राष्ट्रपति बने, लेकिन वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. 3 मई, 1969 को उनका असामयिक निधन हो गया. डॉ. जाकिर हुसैन की मौत के बाद वराहगिरि वेंकटगिरि ने 3 मई, 1969 से 20 जुलाई, 1969 तक कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद संभाला. जुलाई-अगस्त 1969 में फिर से राष्ट्रपति चुनाव हुए और इस दौरान कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका निभाई मोहम्मद हिदायतुल्लाह ने.

हालांकि, इस चुनाव के जरिए ही इंदिरा गांधी ने कांग्रेस पर अपना वर्चस्व स्थापित करने की कोशिशें तेज कर दी थीं. बहरहाल, 1969 के राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद वी.वी. गिरि ने 24 अगस्त, 1969 को शपथ ग्रहण किया और देश के चौथे राष्ट्रपति बने.

उन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया और 24 अगस्त, 1974 को उनका कार्यकाल खत्म हुआ. इसके बाद अगले राष्ट्रपति चुनाव में 24 अगस्त, 1974 को फखरुद्दीन अली अहमद देश के पांचवें राष्ट्रपति बने. फखरूद्दीन अली अहमद इंदिरा गांधी के खास माने जाते थे लेकिन वह पद पर दो साल से थोड़े ज्यादा वक्त तक ही रह पाए और कार्यकाल के बीच में 11 फरवरी 1977 को उनका देहांत हो गया.

इसके बाद, करीबन पांच महीनों तक राष्ट्रपति का कार्यभार बी.डी. जत्ती ने संभाला था.

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1977 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में एक बार फिर इंदिरा के उम्मीदवार की जीत हुई और 25 जुलाई, 1977 को शपथ ग्रहण किया नीलम संजीव रेड्डी ने. रेड्डी देश के छठे राष्ट्रपति थे.

रेड्डी के 25 जुलाई को शपथ लेने के साथ ही 25 जुलाई को शपथ लेने का दस्तूर कायम हो गया, और यह अब तक चल रहा है. असल में, उसके बाद से हर राष्ट्रपति ने अपना कार्यकाल पूरा किया है और इसी वजह से कार्यकाल का पहला दिन 25 जुलाई होता है.