उर्दू साहित्य में भगवान गणेश का यशोगान

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] • 2 Months ago
Lord Ganesha and salman khan
Lord Ganesha and salman khan

 

सैय्यद तालीफ हैदर

उर्दू भाषा में हिंदू देवी-देवताओं की स्तुति में शायरी और नज्में लिखने की परंपरा का एक हजार साल से अधिक पुराना समृद्ध और प्राचीन इतिहास है. पूरे भारत में, विभिन्न क्षेत्रों के शायरों ने विभिन्न देवताओं के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त की है, जिनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों शायर शामिल हैं. इस अंतरधार्मिक साहित्यिक परंपरा ने भगवान कृष्ण, भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु, भगवान महेश, भगवान राम, भगवान हनुमान, देवी पार्वती, देवी गंगा, देवी शक्ति, देवी लक्ष्मी, देवी सरस्वती, देवी दुर्गा और देवी काली जैसे देवताओं का जश्न मनाया है.

उर्दू साहित्यिक इतिहास में, नजीर अकबराबादी कन्हैया जी, दुर्गाजी और बलदेवजी जैसे देवताओं को समर्पित अपनी काव्य रचनाओं के लिए जाने जाते हैं. भगवान गणेश का उल्लेख उर्दू साहित्य में भी मिलता है और उदाहरण के लिए, नजीर अकबराबादी ने अपनी एक कविता की शुरुआत भगवान गणेश के संदर्भ से की थी. यहां उनकी कविता का एक अंश दिया गया हैः

पहले नांव गणेश का लीजिए सीस नवाय

जा से काज सिद्ध हों सदा मुहूरत लाय

(नजीर अकबराबादी ने किसी भी कार्य को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए शुरू करने से पहले भगवान गणेश के नाम का जाप करने के महत्व पर जोर दिया.)

यह भारत के देवी-देवताओं के साथ उनके गहरे संबंध को दर्शाता है.

एक प्रसिद्ध उर्दू शायर गुलजार देहलवी भगवान की स्तुति के लिए समर्पित अपने एक ‘हम्द’ में लाक्षणिक रूप से भगवान गणेश का उल्लेख करते हैं. वह लिखते हैंः

तेरी जात जात-ए-कदीम है तेरी जात जात-ए-अजीम है

तू नदीम है, तू नईम है, तू करीम है, तू रहीम है

(आप सबसे महान और सबसे सम्मानित हैं, आप ही हमारे मित्र, प्रतिफल देने वाले और दयालु हैं.)

ये सभी अल्लाह के गुण हैं, जो उसकी महानता को दर्शाते हैं. इसमें गुलजार देहलवी आगे कहते हैंः

तू वकील है, तू खलील है, तू ही मोर है, तू ही फील है

(आप हमारे सहायक हैं, आप हमारे प्रेमी हैं, आप मोर हैं और आप हाथी हैं. यहां ‘फील’ का संदर्भ भगवान गणेश से है, जिन्हें शायर लोगों का मित्र और सहायक बताता है.)

इसी तरह, नदीम जौनपुरी ने लिखाः

गणेश की शान है सब से निराली

उन्हीं का नाम ले हर एक सवाली

जिस ने भी उस को है पुकारा

उन ने भर दी झोली खाली

(गणेश सभी देवताओं में अद्वितीय हैं, हर साधक आपको ही पुकारता है और जब भी कोई आपका नाम लेता है, तो उसके कार्य सिद्ध हो जाते हैं.)

उर्दू साहित्य में भगवान गणेश के उल्लेख का एक महत्वपूर्ण पहलू उनके विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे सामुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विघ्ननाश, विनायक और गजानंद. गणेश एक विशेष स्थान रखते हैं, क्योंकि उनका आह्वान अन्य सभी देवताओं से पहले किया जाता है. माना जाता है कि वे आशीर्वाद देते हैं और किसी भी प्रयास के लिए रास्ता आसान करते हैं.

जबकि महाराष्ट्र के कई लेखकों ने भगवान गणेश को अपने कार्यों में शामिल किया है. उर्दू कथा साहित्य ने भी इन देवता का जश्न मनाया है. उदाहरण के लिए, प्रसिद्ध कहानी ‘हातक’ में सआदत हसन मंटो का किरदार सुगंधी, भगवान गणेश का एक समर्पित अनुयायी है और उन्हें अपना सबसे बड़ा गुरु मानता है.

इसके अलावा, अली इमाम नकवी, राजेंद्र सिंह बेदी, इस्मत चुगताई, कुर्तुल ऐन हैदर और कृष्ण चंद्र के लेखन में भी विभिन्न संदर्भों में भगवान गणेश का उल्लेख मिलता है.

महाराष्ट्र में, गणेश चतुर्थी समारोह के दौरान कई शायर भगवान गणेश की स्तुति में कविताएँ और हम्द पढ़ते हैं. यह अवसर भगवान गणेश द्वारा अपनी मां की रक्षा करने के साहस की कहानी को याद करने का अवसर है.

बॉलीवुड ने भी भगवान गणेश को मनाने वाले गीतों के साथ उनकी भावना को जीवित रखने में योगदान दिया है. रितिक रोशन, सलमान खान, वरुण धवन, प्रभु देवा, अक्षय कुमार और गोविंदा जैसे कलाकारों ने इन गानों में भगवान गणेश के चित्रण से भारतीयों का दिल मोह लिया है.

यह ध्यान देने योग्य है कि इन गीतों के लेखक विविध पृष्ठभूमि से आते हैं,जिनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों शामिल हैं, जो भगवान गणेश के महत्व की सार्वभौमिक अपील पर जोर देते हैं.