पाकिस्तानः रात के अंधेरे में गिराई गई हरि सिंह नलवा की प्रतिमा

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 30-01-2022
पाकिस्तानः रात के अंधेरे में गिराई गई हरि सिंह नलवा की प्रतिमा
पाकिस्तानः रात के अंधेरे में गिराई गई हरि सिंह नलवा की प्रतिमा

 

हरिपुर. एक बार फिर पाकिस्तान में एक मूर्ति गायब हो गई है. प्रतिमा को रात के अंधेरे में चौराहे से नीचे उतारकर चुरा लिया गया. इससे क्या हासिल होगा? क्योंकि जिस शहर से प्रतिमा को हटा दिया गया है, उस शहर का नाम भी उन्हीं के नाम पर पड़ा हुआ है. कुछ लोगों ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के हरिपुर जिले में स्थानीय प्रशासन द्वारा एक चौक पर सिख सेना के सेनानायक हरि सिंह नलवा की प्रतिमा को हटा दिया है. हरि सिंह की प्रतिमा को हटाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें कुछ लोगों को रात में चौक में घोड़े पर बैठे हरि सिंह की प्रतिमा को हटाते हुए देखा जा सकता है.

हरिपुर सिटी पुलिस स्टेशन के एसएचओ मोहम्मद काशिफ ने उर्दू न्यूज से संपर्क करने पर यह जानकारी दी.

पुलिस प्रवक्ता ने आगे बताया कि चौक में प्रतिमा लगाने की मंजूरी स्थानीय प्रशासन ने दी थी. पुलिस का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है.

यूजर्स हरि सिंह नलवा की प्रतिमा के अनावरण का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं. ट्विटर यूजर बिलाल खान ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि हरि सिंह नलवा के स्मारक को हरिपुर के चौक से हटा दिया गया है. क्या ऐसा करने से यह तथ्य बदल जाएगा कि हरिपुर को जनरल हरि सिंह नलवा ने बसाया था?

ट्विटर हैंडल अली पंजाबी ने पंजाबी में ट्वीट किया, ‘अगर आप इसे संभाल नहीं सकते हैं, तो एक नायक की मूर्ति न लगाएं. जिस व्यक्ति के नाम से हरिपुर शहर बसा है, उसकी मूर्ति को गिरा दिया गया.’

उन्होंने हरि सिंह के हवाले से लिखा कि “हरि सिंह नलवा इस धरती के पुत्र हैं, जिन्होंने इस धरती के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.’

ट्विटर यूजर अली ने हरि सिंह नलवा की मूर्ति की फोटो शेयर करते हुए लिखा, ‘भगवान के दास, जिले का नाम अभी भी हरिपुर है. यह देश में बढ़ती असहिष्णुता का प्रतिबिंब है.’

कुछ साल पहले हरिपुर में सार्वजनिक सामाजिक हलकों ने जिला प्रशासन से हरि सिंह नलवा की प्रतिमा को स्थानांतरित करने की मांग की थी.

सामाजिक हलकों के अनुरोध पर, हरिपुर चौक का नाम बदलकर सिद्दीकी अकबर चौक कर दिया गया. इसके बाद जिला प्रशासन से सिद्दीकी अकबर चौक से घोड़े को हटाकर दूसरी जगह स्थानांतरित करने और सिद्दीकी अकबर के नाम से मॉडल लगाने की मांग की गई.

हरि सिंह नलवा कौन थे?

हरि सिंह का जन्म 1791 में पंजाब के गुजरांवाला में हुआ था और वह महाराजा रणजीत सिंह की सिख सेना खालसा के कमांडर-इन-चीफ थे. पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के हरिपुर जिले का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा गया था. हरि सिंह नलवा को ‘बाघमार’ यानि शेर का शिकार करने वाले के नाम से भी जाना जाता था. हरि सिंह बलवा ने कई लड़ाइयाँ लड़ीं, लेकिन वे कसूर, मुल्तान, अटक, पेशावर और जमरूद को जीतने के लिए प्रसिद्ध हैं. अप्रैल 1837 में जमरूद में हरि सिंह की मृत्यु हो गई थी.