जयपुर के मुस्लिम बनाते हैं खास शाही गुलाल, पहली खेप जाती है वृंदावन

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 21-03-2024
Muslims make  Gulal Gota
Muslims make Gulal Gota

 

जयपुर. होली का त्योहार नजदीक आ रहा है और बाजारों में होली की रौनक दिखने लगी है. खासकर जयपुर में होली का त्योहार शाही अंदाज में मनाया जाता है. बाजारों में रंगों की डिमांड के साथ यहां ‘गुलाल गोटा’ की भी डिमांड खूब रहती है. ऐसे में जयपुर में पारंपरिक गुलाल गोटा की तैयारियां शुरू हो गई है. गुलाल गोटा से होली खेलने की शुरुआत राजा महाराजाओं के समय से हुई थी और तब से ही गुलाल गोटा से शाही होली खेलने का रिवाज है.

गुलाल गोटा के एक कारीगर अवाज मोहम्मद ने बताया कि गुलाल गोटा प्राकृतिक लाख के गोले से बना होता है, जिसका वजन 5-6 ग्राम होता है. इसे बाद में प्राकृतिक रंगों से भर दिया जाता है और अरारोट से सील कर दिया जाता है, जिससे गोटे का कुल वजन 21-22 ग्राम हो जाता है. पारंपरिक रूप से बनाया जाने वाला शाही परिवार का यह शिल्प सात पीढ़ियों पुराना है और गुलाल गोटे की पहली खेप हर साल वृंदावन भेजी जाती है.

जयपुर का गुलाल गोटा लाख से तैयार किया जाता है और यह पहले 5-6 ग्राम लाख के छोटे-छोटे गोले गुब्बारे की तरह तैयार किए जाते हैं. गुलाल गोटा बनाने के लिए एक बांसुरीनुमा नली में लगाकर फूंक मारते हुए गोल घुमावदार बनाया जाता है. इसके बाद ऑगर्निंग खुशबूदार गुलाल भरकर कागज चिपकाकर तैयार किया जाता है, जिसमें एक गुलाल गोटा 21-22 ग्राम वजन का बनकर तैयार होता है.

एक गुलाल गोटा को बनाने में करीब एक मिनट से ज्यादा का समय लगता है. अब आमजन में होली पर्व पर गुलाल गोटा की मांग बढ़ने लगी है. लोग रंग-गुलाल की जगह गुलाल गोटा उपहार के रूप में भेजते हैं. जयपुर में तैयार होने वाले इस गुलाल गोटा की डिमांड मथुरा-वृंदावन से लेकर ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और इंग्लैंड तक रहती हैं. खासकर विदेशी पर्यटक गुलाल गोटा को खूब पसंद करते हैं.

 

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