राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-पटना
दुनिया भर के प्रेमियों की ख्वाहिशों में एक मर्तबा ताजमहल का दौरा जरूर शुमार रहता है. मगर इस देश में किस्से और भी हैं. ताजमहल और भी हैं. ऐसी ही एक पटना की बुलंद इमारत मरियम मंजिल है, जिसे बिहार के संस्थापकों में से एक और निजाम हैदराबाद के प्रधानमंत्री सर अली इमाम ने अपनी बेगम के लिए तैयार करवाया था.
पटना के अनीसाबाद मोड़ पर से गुजरते लाल रंग की एक भव्य इमारत ‘मरियम मंजिल’ को आप सभी लोगों ने देखा होगा. एक समय यह इमारत राजधानी की सबसे सुंदर इमारतों में से एक थी. इस इमारत के बारे में सभी को पता है कि इसे बिहार निर्माता अली इमाम ने अपनी पत्नी के लिए बनवाया था. पर आपको पता है वो कौन थीं ? अली इमाम की पत्नी मैरी रोज (मरियम) एक ईसाई महिला थीं, जिनसे उन्होंने साल 1916 में शादी की थी. उनके लिए यह भव्य और सुन्दर इमारत इंडो सारसेनिक शैली में बनवाई थी, लेकिन ये इमारत जब तक बनकर तैयार हुई, मरियम का इंतकाल हो गया.
लोस्ट मुस्लिम हैरिटेज ऑफ बिहार के ट्विटर हैंडल से यह जानकारी शेयर की गई है.
पटना के अनीसाबाद मोड़ पर से गुज़रते लाल रंग की एक भव्य इमारत “मरियम मंज़िल” को आप सभी लोगों ने देखा होगा। एक समय यह इमारत राजधानी की सबसे सुंदर इमारतों में से एक थी।
— Lost Muslim Heritage of Bihar (@LMHOBOfficial) December 20, 2022
इस इमारत के बारे में सभी को पता है की इसे बिहार निर्माता अली इमाम ने अपनी पत्नी के लिए बनवाया था। पर आपको.. 1/7 pic.twitter.com/6dYdPSyoTq
मरियम के निधन के बाद अली इमाम ने अनीस फातिमा से शादी की. अली इमाम ने अनीस फातिमा के लिए एक हवेली राँची में बनवाई, जिसे आज अनीस कैसल के नाम से जाना जाता है. इसे उन्होंने स्कॉटलैंड के स्कैंडेनेवियन आर्किटेक्ट स्टाइल में बनवाया था और इसे बनने में कई साल लगे थे. अली इमाम का आखिरी दौर राँची में ही गुजरा.
सर अली इमाम चाहते थे कि मरने के बाद उनकी बेगम की कब्र भी उनके कब्र के करीब बने. उन्होंने अनीस कैसल के पास दो कब्रें बनवाई थीं. एक कब्र में 1932 में अली इमाम के इंतकाल के बाद उन्हें दफना दिया गया, पर दूसरी कब्र आज तक खाली पड़ी है. अंतिम समय में लेडी अनीस इमाम पटना आईं और मरियम मंजिल, पटना में रहने लगी और वहीं उनका इंतकाल हुआ. इंतकाल के बाद उन्हें पटना में ही दफना दिया गया था.
इसके बाद इमाम परिवार द्वारा ऐतिहासिक मरियम मंजिल को 1987 ई. में मिल्लत एजुकेशनल सोसाइटी स्थापित करके उसके हवाले कर दिया गया. इसके तहत मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित किया गया, जो आज भी चल रहा है.
आप लोगों ने मरियम और अनीस फातिमा के बारे में जान लिया, तस्वीर में उन्हें अली इमाम के साथ देख सकते हैं:
सर अली इमाम का बिहार राज्य की स्थापना में सबसे अहम रोल था. वो 1909 में बंगाल विधान परिषद के सदस्य चुने गए थे. 1917 में पटना हाई कोर्ट के जज बने. 1920 में निजाम हैदराबाद के प्रधानमंत्री बने और उसी साल लीग ऑफ नेशन की पहली असेंबली में भारत की नुमाइंदगी की थी.