गुलाम कादिर
चंूकि वार्षिक हज 2024 अब अपने चरम पर है, ऐसे में उन्हें याद दिलाना बेहद जरूरी है कि मक्का-मदीना में कुछ ऐसे पवित्र स्थान हैं जहां किसी भी हज यात्री का जाना बेहद जरूरी है. कुछ स्थान तो ऐसे हैं कि वहां गए बगैर हज कबूल नहीं होगा. इसके अलावा इस्लामी इतिहास के नजरिए से भी इन स्थानों की खास मान्यता है. ऐसे में आपको ऐसे स्थानों के बारे में जानना बेहद जरूरी है.
मुसलमान हज के लिए मक्का में इकट्ठा होते हैं. उन सभी स्थानों पर जाते हैं जो अल्लाह और उसके पैगंबर मुहम्मद PBUH को प्रिय हैं. मक्का में कई जगहें हैं जहाँ हज की यात्रा के दौरान जा सकते हैं. अगर हज यात्रा का भरपूर आनंद लेना चाहते हैं तो इन जगहों पर जाना आपके लिए एक बेहतरीन अनुभव होगा.
नीचे मक्का में हज यात्रा के दौरान घूमने के लिए ज़ियारत स्थानों को संकलित किया है;
1. मीना
यह मस्जिद अल-हरम से 8 किलोमीटर पूर्व में स्थित है. यह वह स्थान है जहाँ हाजी अपनी हज यात्रा के दौरान अधिकांश रात बिताते हैं. हज यात्री 8 जुल हिज्जा को आते हैं और 10 से 13 जुल हिज्जा तक आते हैं. इसे टेंट सिटी के नाम से भी जाना जाता है. इस घाटी में हज यात्रियों के लिए लगभग 100,000 टेंट लगे हुए हैं.यह वह स्थान है जहाँ यात्री शैतान पर पत्थर फेंकते हैं, जो मुसलमानों को याद दिलाता है कि कैसे पैगम्बर इब्राहिम (अ.स.) ने शैतान को पत्थर मारा था जब वह उनके बीच आया था.
2. मस्जिद अल-हरम
काबा, अल्लाह का घर मस्जिद अल हरम में स्थित है. काबा वह जगह है जिसे हर मुसलमान छूना और चूमना चाहता है. मस्जिद अल हरम में आपको ये चीज़ें ज़रूर देखनी चाहिए.
3. मुज़दलिफ़ा
यह मक्का में माउंट अराफ़ात और मीना घाटी के बीच स्थित है. हज यात्री मीना से मुज़दलिफ़ा जाते हैं और सूर्यास्त तक वहाँ रहते हैं.मुज़दलिफ़ा की सबसे ऊँची पहाड़ी पर एक मस्जिद है जहाँ हज यात्री वहाँ रहते हुए नमाज़ अदा करते हैं। यह हज के दौरान ज़ियारत के लिए जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण जगहों में से एक है.
4. माउंट अराफ़ात
9 जुल हिज्जा वह दिन है जब अराफ़ात का दिन पड़ता है, सभी मुसलमान मीना से माउंट अराफ़ात अराफ़ात आते हैं. अराफ़ात पर खड़े होना हज के सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र अनुष्ठानों में से एक है.अगर कोई हज यात्री माउंट अराफ़ात तक पहुँचने में विफल रहता है, तो उसका हज रद्द हो जाएगा. पैगंबर मुहम्मद PBUH ने अपना अंतिम हज उपदेश अराफ़ात में दिया था.मुसलमान दोपहर में अराफात पर्वत पर आते हैं. हज खुतबा सुनते हैं . सूर्यास्त तक वहीं रहते हैं. ज़ुहर और अस्र की नमाज़ भी अदा करते हैं.
5. हीरा की गुफा ( Cave of Hira)
यह वह स्थान है जहाँ पैगंबर मुहम्मद (PBUH) को अल्लाह से पहला रहस्योद्घाटन मिला था. हीरा की गुफा वह स्थान है जहाँ पैगंबर मुहम्मद PBUH अपने जीवन के पहले 40 वर्षों के दौरान आते थे. हीरा की गुफा मस्जिद अल हरम से 5 किमी दूर स्थित है. वहाँ पहुँचने के लिए पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है .इसमें 45 मिनट लगते हैं.
6. थावर की गुफा
थावर की गुफा वह स्थान है जहाँ पैगंबर मुहम्मद PBUH ने अबू बकर (RA) के साथ तीन रातें और दिन बिताए थे जब पैगंबर (PBUH) मक्का से मदीना चले गए थे.इस गुफा तक पहुँचने में डेढ़ घंटे लगते हैं.
हज में कितने दिन होते हैं?
दस दिन! यह 1 धू अल-हिज्जा से शुरू होकर 10 धू अल-हिज्जा तक चलता है. इन दिनों में से 9 धू अल-हिज्जा अराफात का दिन है जिसे "हज का दिन" कहा जाता है.मक्का में ज़ियारत के लिए ऊपर बताए गए स्थान हज करने के लिए ज़रूर जाने चाहिए. अल्लाह इस साल हज करने वालों की हज को स्वीकार करे. आमीन.
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