दीपावली पर लक्ष्मी जी को कैसे प्रसन्न करें?

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 04-11-2023
Goddess Lakshmi and Lord Ganesha worship on Diwali
Goddess Lakshmi and Lord Ganesha worship on Diwali

 

राकेश चौरासिया

दिवाली 2023 लक्ष्मी पूजाः प्रकाश, हर्ष और विजयोल्लास का पर्व दीपावली में धन की देवी लक्ष्मी और शुभंकर श्री गणेश जी के विशेष पूजन का प्रावधान है. लोग अपने घरों के साथ व्यापारिक प्रतिष्ठानों और दफ्तरों में भी लक्ष्मी पूजा करते हैं. इस पवित्र अवसर पर हम छोटे उपाय करके मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली पर मां लक्ष्मी प्रगट हुईं थीं और कार्तिक अमावस्या तिथि पर मां लक्ष्मी पृथ्वीलोक पर भ्रमण करने आती हैं. दिवाली या दीपावली लगभग आने को है. दिवाली बुराई पर अच्छाई की जीत और माता सीता और लक्ष्मण के साथ 14 साल का वनवास बिताने और लंका राजा रावण को मारने के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी का प्रतीक है. दिवाली को अन्य भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. बंगाली में दीपाबॉली, नेपाली में तिहार और स्वन्ति, सिंधी में दियारी और मारवाड़ी में दियाळी कहा जाता है.

दीपावली में दीयों को श्रृंखलाबद्ध लगाना चाहिए. मान्यता है कि यही दीपक अंधकार पर प्रकाश के विजय के प्रतीक हैं, जो सारे जग को आलोकित करते हैं. इस दिन, लोग अपने घरों को दीयों, मोमबत्तियों, रोशनी और फूलों से सजाते हैं, रंगोली बनाते हैं, नए पारंपरिक कपड़े पहनते हैं, मिठाइयां बनाते-खाते हैं, विशेष व्यंजन तैयार करते हैं, अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और बहुत कुछ करते हैं. इस दिन का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान लक्ष्मी पूजा है. लोगों के मन में सवाल आते हैं, दिवाली के लिए सरल लक्ष्मी पूजा कैसे करें?, हिंदू दिवाली पर लक्ष्मी की पूजा कैसे करते हैं?, दीपावली पर लक्ष्मी जी को कैसे प्रसन्न करें?, दिवाली पर कैसे करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न? इस लेख में, आप जानेंगे कि घर पर लक्ष्मी पूजा कैसे करें, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और बहुत कुछ.

दिवाली कब है 2023

धार्मिक मान्यता है कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घर पर पधारती हैं और उन्हें धन-धान्य का आशीर्वाद देती हैं. इस साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत 12 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से शुरू हो रही है. इसका समापन 13 नवंबर, सोमवार की दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर हो रहा है.

हिंदू धर्म में वैसे तो उदया तिथि के आधार पर पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल के समय करना शुभ होता है. प्रदोष काल की पूजा का समय 12 नवंबर को प्राप्त हो रहा है. इसलिए इस साल दिवाली 12 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी.

दीपावली की पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?

दिवाली में पूजा का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर की शाम 5 बजकर 40 मिनट से लेकर 7 बजकर 36 मिनट तक है. वहीं लक्ष्मी पूजा के लिए महानिशीथ काल मुहूर्त रात 11 बजकर 39 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 31 मिनट तक है.

दिवाली पूजा के लिए क्या सामग्रियां लगती हैं?

  • लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा
  • लक्ष्मी जी को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र
  • लाल कपड़ा
  • सप्तधान्य
  • लक्ष्मी जी के चरण चिह्न
  • दक्षिणावर्ती शंख
  • श्रीयंत्र
  • पीली कौड़ी
  • गोमती चक्र
  • पान के पत्ते
  • गन्ना
  • खीर
  • गुलाल
  • लौंग
  • अगरबत्ती
  • हल्दी
  • अर्घ्य पात्र
  • फूलों की माला,
  • खुले फूल
  • सुपारी
  • सिंदूर
  • इत्र
  • इलायची
  • कपूर
  • केसर
  • सीताफल
  • कमलगट्टा
  • कमल पुष्प
  • कुशा
  • कुंकु
  • साबुत धनिया (जिसे धनतेरस पर खरीदा हो)
  • खील-बताशे
  • गंगाजल
  • देसी घी
  • चंदन
  • चांदी का सिक्का
  • अक्षत
  • दही
  • दीपक
  • दूध
  • लौंग लगा पान
  • दूब घास
  • गेहूं
  • धूप बत्ती
  • मिठाई
  • पंचमेवा
  • पंच पल्लव (गूलर, गांव, आम, पाकर और बड़ के पत्ते)
  • तेल
  • मौली
  • रूई
  • पांच यज्ञोपवीत (धागा)
  • रोली
  • लाल कपड़ा
  • चीनी
  • शहद
  • नारियल
  • हल्दी की गांठ

घर पर लक्ष्मी पूजा कैसे करें?

ऐसी मान्यता है कि मां लक्ष्मी उन्हीं घरों में अपने अंश रूप में विराजमान होती हैं जहां पर साफ-सफाई सबसे ज्यादा होती है. दिवाली पर मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के मुख्य द्वार पर आम,पीपल और अशोक के नए कोमल पत्तों की माला पिरोकर वंदनवार लगाएं. मुख्यद्वार पर वंदनवार लगाने से मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न होती हैं.

दिवाली के दिन, देवी लक्ष्मी के कई भक्त लक्ष्मी पूजा के लिए दिन भर का उपवास रखते हैं और शाम को व्रत की पारणा करते हैं. लक्ष्मी पूजा के दौरान, भक्त अपने घरों और कार्यालयों को गेंदे के फूलों और अशोक, आम और केले के पत्तों से सजाते हैं. एक ऊंचे मंच पर दाहिनी ओर लाल कपड़ा बिछाकर और उस पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियों को रेशमी कपड़े और आभूषणों से सजाकर स्थापित करने से तैयारी शुरू होती है.

फिर एक तांबे के लोटे में तीन चौथाई पानी भरकर उसके अंदर सिक्के, सुपारी, किशमिश, लौंग, सूखे मेवे और इलायची रखें. गमले के ऊपर गोलाकार में आम के पत्ते रखें और बीच में नारियल रखें. कलश को सिन्दूर और फूलों से सजाएं.

भक्त लक्ष्मी की कथा भी सुनते हैं और अंत में देवी को फूल चढ़ाते हैं. पूजा का समापन देवता के सामने आरती गीत गाकर और कपूर की रोशनी लहराकर किया जाता है.

लक्ष्मी पूजा 2023 की विधि क्या है?

द्रिक पंचांग का कहना है कि पूजा की शुरुआत भगवती लक्ष्मी ध्यान से होती है, जो देवी की प्रतिमा के सामने मंत्र का जाप करते हुए किया जाता है - ‘‘या स पद्मासनस्थ विपुल-कति-तति पद्म-पत्रयताक्षी, गंभीरार्त्व-नाभिह स्टाणा-भरा-नमिता शुभ्रा-वस्तार्या. या लक्ष्मीरदिव्य-रूपैर्मणि-गण-खचितैः स्वपिता हेमा-कुम्भैः, स नित्यं पद्म-हस्ता मम वसतु गृहे सर्व-मांगल्य-युक्त.’’

फिर इस मंत्र का उच्चारण करें- ‘‘आगच्छ देव-देवेषी! तेजोमयी महा-लक्ष्मी! क्रियमाणं मया पूजाम, गृहाण सुर-वंदिते! श्री लक्ष्मी-देवी आवहयामि’’. आवाह्न मुद्रा में इस मंत्र का 11, 21, 51 या 108 बार जाप करना चाहिए.

अब दोनों हाथों में पांच-पांच फूल लें और उन्हें मां लक्ष्मी की मूर्ति के सामने यह कहते हुए अर्पित़ करें- ‘‘नाना-रत्न-सयुक्तं, कर्ता-स्वर-विभूषितं. आसनं देव-देवेश! प्रीत्यर्थं प्रति-गृह्यतां. श्री लक्ष्मी-देव्यै आसनार्थे पंच- पुष्पाणि समर्पयामि.’’

दिवाली पर मां लक्ष्मी जी की पूजा में क्या पूजन सामग्री अर्पित करें?

लक्ष्मी जी के चरण चिह्न

मां लक्ष्मी की पूजा में सोने-चांदी या धातु से निर्मित उनके चरण चिन्हों की भी पूजा होती है. 

दक्षिणावर्ती शंख

मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा में शंख का विशेष महत्व होता है. बिना शंख के माता लक्ष्मी की पूजा अधूरी मानी जाती है. माता लक्ष्मी की पूजा में दक्षिणवर्ती शंख की पूजा से सुख-समृद्धि आती है. माता लक्ष्मी और दक्षिणवर्ती शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी. इस कारण से दक्षिणावर्ती शंख को लक्ष्मी जी का भाई माना जाता है. ऐसे में दिवाली पर लक्ष्मी पूजा में दक्षिणावर्ती शंख भी जरूर रखें.

श्रीयंत्र

मां लक्ष्मी की पूजा-आराधना श्रीयंत्र के बिना अधूरी होती है. इसलिए दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा में श्रीयंत्र को जरूर शामिल करें.

पीली कौड़ी और गोमती चक्र

पीली कौड़ी और गोमती चक्र मां लक्ष्मी को बेहद प्रिय माने गए हैं. ऐसे में दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के दौरान पूजा में पांच पीली कौड़ी और नौ गोमती चक्र जरूर रखें है और अगले दिन इन कौड़ी और गोमती चक्र को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें. माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति की तिजोरी कभी खाली नहीं रहती.

पान के पत्ते

हिंदू धर्म में पूजा और धार्मिक अनुष्ठान में पान को जरूर शामिल किया जाता है. दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा में पान के पत्ते के ऊपर स्वस्तिक का निशान बनाएं.

गन्ना

मां लक्ष्मी की सवारी ऐरावत हाथी है. इसलिए मां लक्ष्मी को गजलक्ष्मी भी कहा जाता है. ऐरावत हाथी को गन्ना खाना बहुत ही प्रिय होता है. इसलिए मां लक्ष्मी की पूजा में गन्ने को जरूर शामिल करें. 

धनिया

बहुत से लोग धनिया के बीज खरीदकर घर में रखते हैं. इसे सौभाग्य व सम्पन्नता का प्रतीक माना जाता है.दीपावली पर लक्ष्मी पूजा की थाली में इसे रखते हैं.

कमल का फूल और कमल गट्टा

माता लक्ष्मी हमेशा कमल के फूल पर विराजमान होती हैं और उन्हें कमल का फूल बहुत ही प्रिय होता है. इसलिए दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा में कमल के फूल और कमल गट्टा जरूर अर्पित करना चाहिए.

खीर

दिवाली पर मां लक्ष्मी के भोग के लिए खीर भी शामिल करें. खीर मां लक्ष्मी का प्रिय भोजन है. ऐसे में दिवाली पर मिठाई के अलावा घर पर मेवे से बनी खीर जरूर चढ़ाएं.