ट्रंप ने मस्क को दी चेतावनी: सरकारी सब्सिडी बंद हुई तो अमेरिका छोड़कर दक्षिण अफ्रीका लौट जाओगे

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 01-07-2025
Trump warns Musk: If government subsidies stop, you will leave America and go back to South Africa
Trump warns Musk: If government subsidies stop, you will leave America and go back to South Africa

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली

दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क, जो पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाते थे, अब उनके निशाने पर हैं। ट्रंप ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर मस्क को मिल रही सरकारी सब्सिडी बंद कर दी गई, तो उन्हें अमेरिका में अपना कारोबार समेटना पड़ेगा और वे दक्षिण अफ्रीका लौटने को मजबूर हो सकते हैं।

मंगलवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किए गए एक संदेश में ट्रंप ने लिखा,"एलन को अमेरिका के इतिहास में सबसे अधिक सरकारी सब्सिडी मिल रही है। अगर ये सब्सिडी न होती, तो शायद वह अब तक अपना व्यवसाय बंद कर चुके होते और दक्षिण अफ्रीका लौट गए होते। अब न कोई रॉकेट लॉन्च होता, न सैटेलाइट उड़ते और न ही इलेक्ट्रिक कार बनती। हमारा देश अरबों डॉलर बचा सकता है। क्या रक्षा विभाग (DOD) को इस पर ध्यान नहीं देना चाहिए? बहुत पैसा बचाया जा सकता है!!!"

ट्रंप का यह तीखा बयान तब आया जब एलन मस्क ने उनकी खर्च योजना की कड़ी आलोचना की। मस्क, जो टेस्ला (इलेक्ट्रिक कार निर्माता), स्पेसएक्स (अंतरिक्ष यान कंपनी) और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के मालिक हैं, ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए ट्रंप के प्रस्तावित बजट को “अविवेकपूर्ण और पागलपन भरा खर्च” करार दिया।

उन्होंने लिखा,"यह विधेयक देश को बेतहाशा कर्ज की ओर ले जा रहा है। अब हम एक पार्टी की तानाशाही में जी रहे हैं। समय आ गया है कि एक नई राजनीतिक पार्टी बनाई जाए जो आम जनता की सच्ची आवाज़ बन सके।"

मस्क ने अपनी प्रस्तावित पार्टी का नाम भी सुझाया – "पोर्की पिग पार्टी"

गौरतलब है कि मस्क ने जिस विधेयक की आलोचना की है, उसमें अमेरिका की संघीय ऋण सीमा को 5 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने का प्रस्ताव है। वे लंबे समय से बजट और कर्ज के मुद्दों पर दोनों प्रमुख पार्टियों को गैर-जिम्मेदार बताते आए हैं।

ट्रंप और मस्क के बीच यह टकराव नया नहीं है। मई 2025 में भी मस्क को ट्रंप प्रशासन से इस्तीफा देना पड़ा था, जब इसी विधेयक को लेकर दोनों के बीच तीखी बहस हुई थी। अब एक बार फिर दोनों के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया है, और इसका असर अमेरिकी राजनीति और उद्योग जगत पर साफ देखा जा सकता है।