भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि जारी, बजट और ट्रंप 2.0 बाजार में वापसी के लिए अहम

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 13-01-2025
Indian economy continues to grow, budget and Trump 2.0 important for market comeback
Indian economy continues to grow, budget and Trump 2.0 important for market comeback

 

नई दिल्ली. खाद्य मुद्रास्फीति के चरम पर पहुंचने और सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय में तेजी लाने की कोशिशों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है. आगामी केंद्रीय बजट तथा डोनाल्ड ट्रंप 2.0 बाजार में वापसी के लिए अहम हैं. सोमवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.

ग्रामीण मांग में निरंतर सुधार देखने को मिल रहा है. पीएल कैपिटल ग्रुप प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट के अनुसार, त्योहार और शादी के सीजन ने यात्रा, आभूषण, घड़ियां, क्विक सर्विस रेस्टोरेंट, जूते, परिधान और ड्यूरेबल की मांग को बढ़ावा दिया है.

संस्थागत अनुसंधान के निदेशक अमनीश अग्रवाल ने कहा, "हम रेलवे, रक्षा, बिजली, डेटा सेंटर आदि में ऑर्डर की गति में पहले से ही तेजी देख रहे हैं, जिसके क्रियान्वयन से वित्त वर्ष 2026 और उसके बाद विकास में तेजी आएगी."

उन्होंने कहा, "हमें अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और मध्यम वर्ग को खर्च बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयास के साथ ग्रोथ-ऑरिएंटेड बजट की उम्मीद है."

रिटेल सेक्टर बड़े बदलाव के कगार पर है, क्योंकि क्विक कॉमर्स न केवल किराना बल्कि दूसरे सेगमेंट की गतिशीलता को भी बदल रहा है.

रिपोर्ट में बताया गया है, "हमारा मानना है कि विवेकाधीन सेगमेंट और फूड सर्विस में क्विक कॉमर्स का विस्तार संबंधित क्षेत्रों में निकट भविष्य में व्यवधान पैदा कर सकता है और लाभप्रदता को प्रभावित कर सकता है."

रिपोर्ट के अनुसार, स्टील इंडस्ट्री का भाग्य आयात शुल्क और वैश्विक कीमतों के रुझान पर निर्भर करता है.

आने वाली तिमाहियों में पूंजीगत वस्तुओं और रक्षा में बेहतर ऑर्डरिंग एक्टिविटी देखने को मिलेगी.

रिपोर्ट में कहा गया है, "वित्त वर्ष 2025 में लक्ष्य व्यय में संभावित चूक को देखते हुए पूंजीगत व्यय की स्थिरता के लिए बजट महत्वपूर्ण होगा. हालांकि, रक्षा, बिजली, डेटा सेंटर, रेलवे और एनर्जी ट्रांजिशन एक मजबूत विषय बने हुए हैं."

जैसे-जैसे हम 2025 में प्रवेश कर रहे हैं, कृषि क्षेत्र में रबी की अच्छी फसल होने की संभावना है और सामान्य मौसम पैटर्न से वित्त वर्ष 2026 में मुद्रास्फीति को 4.3-4.7 प्रतिशत तक कम करने में मदद मिलेगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि फसल उत्पादन में वृद्धि और निर्माण/कारखाना एक्टिविटी में वृद्धि तथा मुद्रास्फीति में नरमी से वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के अंत से मांग में तेजी आएगी.