India sees brisk gold buying on Akshaya Tritiya despite price surge, industry sees 35 pc value jump
आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
दुनिया के सबसे बड़े स्वर्ण उपभोक्ता भारत में बुधवार को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर सोने और चांदी की खरीदारी में तेजी आई, हालांकि कीमतें ऊंची रहीं. आभूषण विक्रेताओं के संगठन जीजेसी ने अनुमान लगाया है कि पिछले साल की तुलना में सोने की बिक्री में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी.
दक्षिण भारत में दिन के पहले पहर में उपभोक्ताओं की संख्या अधिक रही और बाद में खराब मौसम के कारण महाराष्ट्र और उत्तरी राज्यों में भी इसमें बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
देश के विभिन्न हिस्सों में सोने की कीमतें 99,500 रुपये से 99,900 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच कारोबार कर रही हैं, जो 2024 में अक्षय तृतीया पर 72,300 रुपये से 37.6 प्रतिशत अधिक है.
ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) के चेयरमैन राजेश रोकड़े ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जो उपभोक्ता ऊंचे दामों पर सोना खरीदने से हिचकिचा रहे थे, वे अब खरीद रहे हैं, क्योंकि कीमतें अपने चरम स्तर से स्थिर हो गई हैं.
उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि सोने की बिक्री पिछले साल के 20 टन के स्तर पर स्थिर रहेगी. हालांकि, मूल्य के लिहाज से, हम आज सोने की बिक्री में 35 प्रतिशत की वृद्धि देख रहे हैं." अक्षय तृतीया पर कीमती धातु खरीदना दक्षिण भारत में व्यापक रूप से प्रचलित परंपरा है, जो धीरे-धीरे बढ़ती जागरूकता के साथ पूरे देश में फैल गई है. रोकेड़े ने कहा कि 25-40 वर्ष की आयु के उपभोक्ता भी सोना और चांदी खरीद रहे हैं, जो कीमती धातुओं की कीमतों में तेज वृद्धि के बीच एक उभरती प्रवृत्ति है. उपभोक्ता आवश्यकता और बजट के आधार पर आभूषण, सिक्के और बार खरीद रहे हैं. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल इंडिया के सीईओ सचिन जैन ने कहा, "सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण वहनीयता प्रभावित हुई है. हालांकि, अक्षय तृतीया के कारण खरीदारी की भावना मजबूत है. उपभोक्ता खरीदेंगे." पीएनजी ज्वैलर्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सौरभ गाडगिल ने कहा कि सोने की रिकॉर्ड उच्च कीमतों के बावजूद उपभोक्ता भावना उत्साहित है, सोने, हीरे और चांदी के आभूषणों में लगातार रुचि है. उन्होंने कहा कि लगभग 50 प्रतिशत खरीदारी पुराने स्वर्ण एक्सचेंजों के माध्यम से की जा रही है, जिससे ग्राहक त्योहार या शादी की जरूरतों से समझौता किए बिना बजट का प्रबंधन कर सकते हैं.
गाडगिल ने कहा, "हालांकि वॉल्यूम ग्रोथ में मूल्य के हिसाब से 8-9 प्रतिशत की मामूली गिरावट देखी जा सकती है, लेकिन हमें 20-25 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है, जो बाजार के लचीलेपन का एक स्वस्थ संकेत है."
जीएसआई इंडिया के प्रबंध निदेशक रमित कपूर ने प्रमुख भारतीय बाजारों में जड़े हुए आभूषणों में तेजी का उल्लेख किया, जबकि औकेरा की सीईओ लिसा मुखेदकर ने इस साल के त्योहार के दौरान प्रयोगशाला में उगाए गए हीरों के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला.
ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने लगभग 12,000 करोड़ रुपये के लगभग 12 टन सोने और 4,000 करोड़ रुपये के लगभग 400 टन चांदी की बिक्री का अनुमान लगाया, जिससे कुल मिलाकर 16,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है.
विशेषज्ञों ने कहा कि पीली धातु के नए शिखर पर पहुंचने के बावजूद पिछले तीन वर्षों में सोने की मांग में कमी नहीं आई है. भारत प्रतिवर्ष 700-800 टन सोना आयात करता है.