भारत-ओमान CEPA से बढ़ेगा व्यापार : सुब्रकांत पांडा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 19-12-2025
India-Oman CEPA will boost trade: Subhrakant Panda
India-Oman CEPA will boost trade: Subhrakant Panda

 

कटक (ओडिशा)

उद्योग जगत ने भारत और ओमान के बीच हुए समग्र आर्थिक भागीदारी समझौते (Comprehensive Economic Partnership Agreement – CEPA) को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को गहरा करेगा और भारतीय व्यवसायों के लिए नए अवसर खोलेगा।

पूर्व FICCI अध्यक्ष और इंडियन मेटल्स एंड फेरो एलॉयज के प्रबंध निदेशक सुब्रकांत पांडा ने इस समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के विज़न का हिस्सा है। उन्होंने जोर दिया कि व्यापार और आर्थिक रिश्ते भारत के विकास मार्ग में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

सुब्रकांत पांडा ने कहा कि भारत ने व्यापार समझौतों के क्षेत्र में अपनी रणनीति में बदलाव किया है और अब वह व्यापार, व्यवसाय और बाजार तक पहुँच के नए अवसरों को खोलने के साथ-साथ भारतीय पेशेवरों की गतिशीलता सुनिश्चित करने पर ध्यान दे रहा है। उन्होंने कहा,
"अन्य मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) में निवेश प्रतिबद्धताएँ और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण शामिल होते हैं। भारत-ओमान CEPA दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाता है, जिससे व्यापार में वृद्धि होगी और दोनों राष्ट्र और करीब आएंगे।"

FICCI अध्यक्ष अनंत गोयनका ने भी इस समझौते का स्वागत किया और इसे मध्य पूर्व में भारत की आर्थिक भागीदारी को गहरा करने वाला ऐतिहासिक समझौता बताया। उन्होंने कहा,
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत के आर्थिक साझेदारी मजबूत हो रही हैं। यह समझौता व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा और वस्तु तथा सेवा दोनों क्षेत्रों में भारतीय व्यवसायों के अवसर बढ़ाएगा।"

गोयनका ने विशेष रूप से कहा कि CEPA भारतीय सेवा प्रदाताओं के लिए बड़े अवसर खोलता है। ओमान ने भारतीय पेशेवरों की गतिशीलता और वहां व्यवसायिक उपस्थिति को लेकर बहुत उदार प्रतिबद्धताएँ दी हैं।

उद्योग जगत की प्रतिक्रिया

उद्योग प्रतिनिधियों ने इस समझौते को Make-in-India पहल को बढ़ावा देने वाला एक ऐतिहासिक कदम बताया। इस व्यापक समझौते से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में सुविधा, निवेश प्रवाह को मजबूती और विभिन्न क्षेत्रों में नए व्यवसायिक अवसरों का सृजन होगा। ओमान मध्य पूर्व के लिए एक रणनीतिक द्वार के रूप में कार्य करता है, और CEPA भारत के आर्थिक प्रभाव को इस क्षेत्र में बढ़ाने के साथ-साथ दोनों देशों के लंबे समय से चले आ रहे रिश्तों को और मजबूत करेगा।

भारत-ओमान CEPA का महत्व

यह समझौता खाड़ी क्षेत्र के साथ भारत की व्यावसायिक भागीदारी में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। ओमान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण साझेदार है और भारतीय वस्तुएँ एवं सेवाएँ मध्य पूर्व और अफ्रीका में पहुंचाने के लिए प्रमुख द्वार है। ओमान में लगभग 7 लाख भारतीय नागरिक निवास करते हैं, जिनमें 200-300 वर्षों से वहां बसे भारतीय व्यापारी परिवार भी शामिल हैं। भारतीय उद्यमों की ओमान में मजबूत उपस्थिति है, लगभग 6,000 भारतीय प्रतिष्ठान विभिन्न क्षेत्रों में संचालित हैं। वार्षिक रूप से लगभग 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की रेमिटेंस इस आर्थिक जुड़ाव की गहराई को दर्शाती है। वर्तमान में भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है और CEPA के तहत इसे और बढ़ाने की संभावना है।

यह CEPA समझौता, हाल के छह महीनों में ब्रिटेन के साथ हुए FTA के बाद दूसरा बड़ा समझौता है। यह उन विकसित अर्थव्यवस्थाओं के साथ समझौते करने की रणनीति का हिस्सा है, जो हमारे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं करती और भारतीय व्यवसायों के लिए अवसर प्रदान करती हैं।

टैरिफ और व्यापार सुविधाएँ

ओमान ने भारत को अद्वितीय टैरिफ रियायतें प्रदान की हैं। ओमान ने अपनी 98.08% टैरिफ लाइनों पर शून्य-शुल्क (Zero Duty) की सुविधा दी है, जो भारत के ओमान निर्यात का 99.38% कवर करती है। प्रमुख श्रम-प्रधान क्षेत्रों जैसे रत्न और आभूषण, वस्त्र, चमड़ा, फुटवियर, खेल उपकरण, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरण और ऑटोमोबाइल्स को पूरी तरह टैरिफ छूट दी गई है। इनमें से 97.96% टैरिफ लाइनों पर तत्काल छूट लागू होगी।

भारत ने अपनी कुल 12,556 टैरिफ लाइनों में से 77.79% पर टैरिफ उदारीकरण की पेशकश की है, जो ओमान से भारत के कुल आयात का 94.81% मूल्य कवर करती हैं। संवेदनशील वस्तुओं को भारत ने अपवाद श्रेणी में रखा है और इनमें कोई रियायत नहीं दी गई है। इसमें कृषि उत्पाद (डेयरी, चाय, कॉफी, रबर, तम्बाकू), सोना-चांदी का बुलियन, आभूषण, अन्य श्रम-प्रधान उत्पाद जैसे फुटवियर, खेल उपकरण और कई बेस मेटल्स की स्क्रैप शामिल हैं।

इस समझौते से भारत-ओमान व्यापार, निवेश और पेशेवर गतिशीलता के क्षेत्र में नए अध्याय की शुरुआत करने के लिए तैयार है, और इसे भारत की वैश्विक आर्थिक भागीदारी को मजबूत करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।