मंसूरुद्दीन फरीदी /नई दिल्ली
मुकद्दस रियाज, यह ऐसा नाम है जिसकी पहल और जुनून ने योग को पाकिस्तान के शैक्षणिक संस्थानों का नियमित हिस्सा बना दिया है. पाकिस्तान के कई शैक्षणिक संस्थानों के योग को खेल की श्रेणी में शामिल करने से न केवल छात्र, बल्कि शिक्षक और प्रशासनिक अमला भी अपने दैनिक जीवन में इसे उतारने लगा है.
जैसे ही मुकद्दस रियाज ने लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी में कदम रखा, उन्होंने योग अभ्यास के लिए छात्राओं के एक समूह को आकर्षित करना शुरू कर दिया. इस दौरान पाकिस्तान में योग की शुरूआत करने वाले रियाज खोखर की बेटी, मुकद्दस अपनी बात लोगों के सामने रखने में सफल रही. बताया कि योग स्वस्थ्य जीवन की गारंेंटी है.
उनके प्रयास से पाकिस्तान के एक विश्वविद्यालय में पहला योग क्लब स्थापित किया गया. कुलपति डॉ. असगर जैदी ने लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी में क्लब का उद्घाटन किया, जहां मुकद्दस रियाज पढ़ती हैं.
इसे पाकिस्तान में योग के प्रचार के लिए एक और मील के पत्थर के तौर पर देखा जा रहा है. दिलचस्प बात यह है कि प्रो असगर जैदी ने ही इस क्लब का रिबन काटा उद्घाटन किया. इस अवसर पर पाकिस्तान योग परिषद संस्थापक रियाज खोखर भी मौजूद थे. खोखर ने लाहौर यूनिवर्सिटी से योग की पढ़ाई की है.
आवाज द वॉयस से बात करते हुए मुकद्दस रियाज ने कहा कि वह अपने पिता रियाज खोकर को अपना गुरू मानती हैं. उनकी वजह से वह बचपन से योगाभ्यास कर रही हैं. मुकद्दस कहती हैं कि योग मानसिक और शारीरिक थकान को दूर करने का एक बेहतरीन माध्यम है.
वह कहती हैं कि जब उन्होंने 2020 में कॉलेज की पढ़ाई शुरू की, तो उन्होंने छात्राओं के साथ योग करना शुरू किया. उन्हें जल्द ही इसके सकारात्मक प्रभावों का एहसास हुआ.
वह बताती हैं, “मैंने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और कुछ दोस्तों के साथ एक अभियान चलाया. जल्द ही कॉलेज की 100 से अधिक छात्राएं योग करने लगीं.
मुकद्दस रियाज का कहना है कि योग जीवन को आत्मा और शरीर से जोड़ता है. सभी ने इसे महसूस किया और बहुत जल्द इस अभियान ने शिक्षकों को भी प्रभावित किया.
देखते ही देखते प्रबंधन के कर्मचारी भी योग करने लगे. एक दिन, कुलपति ने मुकद्दस को बुलाया और उन्हें पढ़ाई पूरी कर कॉलेज छोड़ने से पहले योग अभ्यास को जारी रखने के लिए विश्वविद्यालय में एक प्रणाली स्थापित करने को प्रेरित किया. ‘उसके बाद उन्हांेने क्लब की स्थापना की.
वह कहती हैं, ‘अब जबकि मैं अपने तीसरे वर्ष में हूं, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने योग को औपचारिक पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया है. यह नियमित अध्ययन का हिस्सा बन गया है. लाहौर विश्वविद्यालय पाकिस्तान का एकमात्र विश्वविद्यालय है जहां योग पाठ्यक्रम का हिस्सा है. ”
मुकद्दस रियाज ने आवाज-द वॉयस को बताया कि उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि योग को लोकप्रिय बनाना है. उन्होंने लोगों को योग की ओर आकर्षित किया. छात्रों ने देखा कि योग उनमें नई ऊर्जा पैदा करता है. उनका योग समूह दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है.
याद रहे कि योगी रियाज खोखर पाकिस्तान में प्रमुख योग संस्थान चलाते हैं.उनके प्रयासों से लाहौर के हर पार्क में फज्र की नमाज के बाद योग अभ्यास किया जाता है. लाहौर का प्रसिद्ध शालीमार बाग योग चिकित्सकों की सबसे बड़ी सभाओं की मेजबानी करता है.
आवाज-द वॉयस से बात करते हुए रियाज खोकर अपनी बेटी की तारीफ करने से कतराते हैं. उन्होंने केवल इतना कहा, ‘‘योग को किसी भी सरकारी संस्थान का नियमित हिस्सा बनाना आसान नहीं है.‘‘