रहमानी-30 के कायनात और रेहान को क्यों मिल रही बधाई ?

Story by  सेराज अनवर | Published by  [email protected] | Date 16-01-2024
रहमानी-30 के कायनात और रेहान को क्यों मिल रही बधाई ?
रहमानी-30 के कायनात और रेहान को क्यों मिल रही बधाई ?

 

 सेराज अनवर/पटना 

आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े छात्रों को अवसर प्रदान करने के लिए डेढ़ दशक पूर्व जब बिहार में रहमानी-30 की स्थापना की गयी,तो किसने सोचा था कि एक दीनी शख़्सियत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी के इस संस्थान से पढ़ कर लड़के दुनिया के सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक पहुंच जायेगा.

कायनात और रेहान ने यह कमाल कर दिखाया है.35 और 36 लाख से अधिक के सालाना पैकेज पर नौकरी मिलने पर बधाई तो बनता ही है.शानदार कामयाबी पर कायनात हुसैन और रेहान खान को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है तीन अन्य छात्रों अयान अशरफ़,शारिक़ जमील और शाहबाज़ आलम ने भी रीजनल मैथमेटिक्स ओलंपियाड (आरएमओ) में चयनित हो कर रहमानी-30 का परचम लहरा दिया.

इस शानदार सफलता पर इमारत ए शरिया के मरहूम अमीर ए शरीयत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी के साथ मौजूदा अमीर ए शरीयत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी की सराहना हो रही है.

फैसल रहमानी की सरपरस्ती में यह संस्थान चल रही है.उनके अनुज फहद रहमानी इस संस्थान के सीईओ हैं और उनकी देख-रेख में ही रहमानी-30 सफलता की सीढ़ियां चढ़ रही है.इनदिनों सुपर-30 से अधिक बिहार ही नहीं देश में भी रहमानी-30 की चर्चा है.

लोग इस संस्थान को दुआ और मुबारकबाद से नवाज़ रहे हैं.वजह स्पष्ट है,रहमानी-30 एक पथप्रदर्शक बन शिक्षा से वंचित अल्पसंख्यक छात्रों के बीच उत्कृष्टता को बढ़ावा दे रही है.इंजीनियरिंग, मेडिकल, सीए, सीएस और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अल्पसंख्यकों के लिए प्रमुख संस्थान के रूप में यह उभर रहा है.

 कायनात हुसैन की संघर्ष यात्रा 

कायनात हुसैन की यात्रा रहमानी-30 द्वारा प्रदान किए गए अटूट समर्थन और मार्गदर्शन का एक प्रमाण है.वह एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं.उनके पिता मोहम्मद आबिद हुसैन एक छोटी सी किराने की दुकान के मालिक हैं.

मां का नाम रुखसाना परवीन है.झारखंड के जामाडोमा निवासी हैं.इनके दिन अब बहुरने वाले हैं.कड़ी मेहनत के बाद बेटा कायनात हुसैन का जॉब दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान गूगल में लग गया है.

गूगल में जॉब करना आज के लड़कों का सपना होता है.वह भी एक साधारण घराने से आने वाले युवक की नौकरी 35 लाख प्रति वर्ष से अधिक के पैकेज पर हो तो क्या कहने.कायनात हुसैन गूगल में इस प्रतिष्ठित प्लेसमेंट के लिए आईआईटी धनबाद के 9 सफल छात्रों में उपलब्धि हासिल करने वाले एकमात्र मुस्लिम छात्र हैं.

उन्होंने रहमानी-30 के 2018-20 के बैच में तैयारी की थी.उनकी Google में सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में हुयी है.कायनात हुसैन अपनी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए रहमानी-30 के श्रद्धेय संरक्षक अमीर ए शरीयत हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी के साथ-साथ रहमानी-30 के सम्मानित प्रबंधन और शिक्षकों का हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं.

यह मुस्लिम छात्रों के बीच रहमानी-30 की असाधारण 100% सफलता दर को दर्शाता है.कायनात की यह उपलब्धि रहमानी-30 के वंचितों को सशक्त बनाने और उन्हें असाधारण उपलब्धि हासिल करने के लिए प्रेरित करता है.

 रेहान खान ने भी लगायी लम्बी छलांग 

मोहम्मद रेहान खान उत्तर प्रदेश के अकबरी गांव के रहने वाले हैं.भारतीय सशस्त्र बल से सम्बन्ध रखने वाले सनाउल्लाह खान और सकीना बेगम के बेटे मोहम्मद रेहान खान ने भी लम्बी छलांग लगा कर रहमानी-30 के सीने को चौड़ा कर दिया है.फहद रहमानी ने बताया कि रेहान रहमानी 30 का पूर्व छात्र है.हमें उनके अविश्वसनीय उपलब्धि को साझा करने पर गर्व हो रहा है.

उन्होंने पहले ही प्रयास में जेविस में आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड इंटेलिजेंस और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी में धाक जमा दी है.गौरतलब है कि उन्हें ये नौकरी 36 लाख के शानदार सालाना पैकेज पर मिली है जो निश्चित रूप से गर्व करने वाली बात है.फहद रहमानी कहते हैं कि ख़ुदा करे उनका यह सफर अन्य छात्रों को प्रेरित करने वाला हो.

वह मुल्क व मिल्लत और पूरी इंसानियत के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ सेवा प्रदान करे. 

rahmani

 आरएमओ में भी रहमानी का डंका 

रहमानी-30 का डंका आरएमओ में भी बज रहा है. इस संस्थान ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर अपना परचम लहराया है, क्योंकि इसके तीन छात्र दक्षिण बिहार जोन की कैटेगरी बी में रीजनल मैथमेटिक्स ओलंपियाड (आरएमओ) में चयनित हुए हैं.

छह पास छात्रों में से तीन रहमानी-30 के हैं, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.उनके नाम अयान अशरफ़,शारिक़ जमील और शाहबाज़ आलम है.आरएमओ, या रीजनल मैथमेटिकल ओलंपियाड, भारत में अंतरराष्ट्रीय मैथमेटिक्स ओलंपियाड का क्षेत्र स्तर है.

इसे भारत के 25 क्षेत्रों में से एक में आयोजित किया जाता है. होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र (एचबीसीएसई) परीक्षा का आयोजन करता है ताकि गणित के क्षेत्र में युवा मनोबल को बढ़ावा मिले. इतिहास में पहली बार बिहार साउथ जोन में चयनित छात्रों में से 50% रहमानी30 के छात्र हैं.

यह इंस्टीट्यूट की शैक्षिक उत्कृष्टता की प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है और गणितीय प्रतिभा को निखरने में एक प्रमुख संस्थान के रूप में उसकी पहचान को मजबूत करता है.रीजनल मैथमेटिक्स ओलंपियाड एक प्रतिष्ठित प्रतियोगिता है जो उत्कृष्ट गणित क्षमताओं वाले छात्रों की पहचान और सम्मान करती है.

रहमानी30 के छात्रों की सफलता में दक्षता के अलावा संस्थान के शिक्षण विधियों की प्रभावीता भी दिखाई देती है.फहद रहमानी ने कहा है कि अमीर ए शरीयत हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी, रहमानी30 के सम्मानित संरक्षक, इस असाधारण उपलब्धि के लिए छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों,दानदाताओं, एम्बेसडर/प्रतिनिधि, प्रबंधन और बड़े पैमाने पर समुदाय को हार्दिक बधाई देते हैं.

वह छात्रों द्वारा प्र.दर्शित अटूट प्रतिबद्धता और परिश्रम की सराहना करते हैं और शिक्षा में उत्कृष्टता के माध्यम से छात्रों को सशक्त बनाने के रहमानी30 के निरंतर प्रयास पर गर्व व्यक्त करते हैं.