यूपी के इंजीनियर भाइयों ने कीमती कार में बना दी एंबुलेंस

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 11-05-2021
रविकांत शुक्ला के बड़े बेटे रोहित और छोटे बेटे राहुल ने स्कोडा कार में बनाई एंबुलेंस
रविकांत शुक्ला के बड़े बेटे रोहित और छोटे बेटे राहुल ने स्कोडा कार में बनाई एंबुलेंस

 

मुकुंद मिश्र / लखनऊ

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के भयावह माहौल के बीच हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है. अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड कम पड़ गये हैं, तो भर्ती संक्रमितों की सांसों के लिए ’प्राणवाय’ की किल्लत की खबरें सामने आ रही हैं. ऐसे में लोग पीड़ितों की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं.

यूपी के बांदा के दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर भाइयों ने कोरोना महामारी में ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ते लोगों को देख अपनी स्कोडा कार को ही एम्बुलेंस में बदल दिया है. इस कार-एंबुलेंस में ऑक्सीजन का भी इंतजाम किया है. अपनी चालीस लाख की कार को एंबुलेंस में तब्दील कर दोनों भाई दिन-रात जरूरतमंदों के लिए ऑक्सीजन मुहैया करा रहे हैं.

बांदा रोड के रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक रविकांत शुक्ला के बड़े बेटे रोहित शुक्ला ने वर्ष 2010 में दिल्ली से एमबीए की पढ़ाई की और छोटे बेटे राहुल ने भी साल 2012 में एमबीए कंप्लीट किया. एमबीए करने के बाद दोनों भाइयों ने मुंबई में गूगल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में एक साथ नौकरी भी ज्वाइन की. इसके बाद उन्होंने गुरुग्राम स्थित गूगल कंपनी के ऑफिस में भी अपनी सेवाएं दीं.

इसी वर्ष फरवरी में दोनों ने अपनी-अपनी नौकरी छोड़ दी और अपने घर बांदा लौट आए. यहां आने पर कोरोना की दूसरी लहर के कहर के बीच लोगों की पीड़ाओं को देख उन्होंने कोरोना संक्रमितों की सेवा करने का संकल्प लिया. एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर वे लोगों की मदद में जुट गए.

राहुल शुक्ला ने कोरोना संक्रमण से जूझ रहे लोगों को मुफ्त में आक्सीजन सेवा देने की मुहिम चलाई. उनकी टीम में बड़े भाई रोहित शुक्ला, मंजुल मंयक द्विवेदी, शिवम द्विवेदी, पद्म चौरिहा आदि शामिल हुए.

स्कोडा गाड़ी को बनाया एंबुलेंस

इस बीच उनके दिमाग में एक विचार कौंधा कि क्यों न लोगों की मदद के लिए अपनी स्कोडा गाड़ी को एंबुलेंस का रूप दे दिया जाये. इसके बाद 40 लाख रुपए की कार को एंबुलेंस में तब्दील कर दिया.

राहुल रोजाना अपनी गाड़ी से स्वयं खर्च वहन कर खाली ऑक्सीजन सिलिंडर को कबरई में स्थित प्लांट से रीफिलिंग कराने का काम करते हैं. साथ ही मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल सहित अन्य जगहों पर जरूरतमंदों के फोन आने पर उनकी मदद कर रहे हैं.

अभी तक वे 300 से ज्यादा सिलेंडरों की रिफिलिंग कराते हुए लोगों की मदद कर चुके हैं. इसके अलावा ये लोग यूपी की सीमा से जुड़े एमपी के सतना, रीवा, मझगवां आदि में भी जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलिंडर मुहैया करा रहे हैं.