हिंदू-मुस्लिम एकता हमारा असली ताना-बाना हैः एक छात्र की खुली चिट्ठी

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 05-10-2021
हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल
हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल

 

वीरेंद्र सिंह कुशवाहा/ गोरखपुर

देश में हिंदू और मुसलमानों के बीच खाई को चौड़ी करने की चाहे जितनी भी कोशिशें कर ली जाएं, लेकिन एक मजबूत तानाबाना है जो दोनों समुदायों को हिंदुस्तानी बनाकर पेश करता है. ऐसा ही वाकया साझा किया है प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने वाले गोरखपुर के एक छात्र वीरेंद्र सिंह कुशवाहा ने. उन्होंने यह पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा किया है.

कुशवाहा ने एक खुले खत के जरिए, राजस्थान के किशनगढ़ में हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल की बात की है. यह उनका खुद का अनुभव है कि किसतरह किशनगढ़ के मुसलमानों ने परीक्षा देने पहुंचे अभ्यर्थियों की सेवा-टहल की, उनके रहने, खाने और सोने का इंतजाम किया. यहां तक कि रात में पहरा भी दिया. पढ़िए, खुद कुशवाहा की जबानीः

हमारा आरईईटी का एग्जाम सेंटर किशनगढ़, रेनवाल जयपुर (राजस्थान) में था. हम जैसे ही बस से रेनवाल बस स्टैंड पर उतरे, तो हमें कुछ टोपी लगाए हुए लोग मिले और हमें घेर लिया और हमसे पूछने लगे, “भाई सेंटर कहाँ पर है?”

हम पहले तो घबराए और फिर कुछ समय बाद महसूस किया कि ये लोग सेवादार हैं क्योंकि उनके आइडी कार्ड में खिदमतगार लिखा हुआ था!

हमने उनको एडमिट कार्ड दिखाया ही था कि हमारे पास एक गाड़ी आकर रुकी और बोले बैठो भाई आपको आपके सेंटर लेके चलते हैं.हमें बस स्टैंड से रात में सेंटर लेकर गए और फिर रुकने के स्थान पर!

जब रुकने के स्थान पर गए तो देखा कि ख्वाजा साहब इंटरनेशनल स्कूल में हमारे लिए ठहरने की व्यवस्था की गई थी. उस विश्राम स्थल पर 500 के आसपास परीक्षार्थी रुके थे. रात में बढ़िया पौष्टिक खाना खिलाया और बढ़िया सोने की व्यवस्था की.

रात में जब हम उठे तो हमने देखा कि जो लोग सेवा कर रहे थे वह पहरा भी दे रहे थे कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाए. इन सेवादारों ने ही सुबह में सभी परीक्षार्थियों को उठाया, चाय-नाश्ता, केले आदि की व्यवस्था की और कहा कि आप सभी लोग जैसे ही पहली पारी की परीक्षा देकर हॉल से निकलो तो वहां पर खाने के पैकेट और पानी की व्यवस्था होगी. आप बिना किसी टेंशन के पेपर देना. ऐसा कहकर उन्होंने सभी परीक्षार्थियों को गाड़ियों वगैरह में बिठाकर सेंटर तक छोड़ा.

फिर हमने जाना कि किशनगढ़, रेनवाल में 11,000 परीक्षार्थी पेपर दे रहे हैं. उन सेवकों ने उन सभी परीक्षार्थियों के लिए  उन सबके लिए सेंटर से बाहर खाने और पानी की बोतल की व्यवस्था उन सेवकों ने की थी. व्यवस्था तो पूरे राजस्थान में ही समाजसेवी लोगों ने की थी लेकिन हम जिस स्थान पर रुके वहाँ की व्यवस्था का जिम्मा मुसलमान भाइयों के जिम्मे था.

जो लोग भारत को हिंदू मुसलमान के नाम पर भड़का कर दंगे करवाना चाहते हैं, भारत को तोड़ना चाहते हैं उनके मुँह पर ये जोरदार तमाचा था, हमारा और उनका प्यार इतना हो गया कि जब चलने लगे तो भावुक होना स्वभाविक था, मोबाईल नम्बर तक आदान प्रदान करने पड़े!