जूनियर विश्व कप : भारतीय हॉकी सनसनी मुमताज खान की मां ने क्यों कहा उनकी बेटी 100 बेटों पर भारी ?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 04-04-2022
जूनियर विश्व कप हॉकी: भारतीय हॉकी सनसनी मुमताज खान की मां ने क्यों कहा उनकी बेटी 100 बेटों पर भारी ?
जूनियर विश्व कप हॉकी: भारतीय हॉकी सनसनी मुमताज खान की मां ने क्यों कहा उनकी बेटी 100 बेटों पर भारी ?

 

आवाज द वाॅयस /लखनऊ

भारत ने जूनियर विश्व कप हॉकी पूल मैच में जर्मनी को तब चौंका दिया, जब भारत की हॉकी सनसनी मुमताज खान की शक्तिशाली ड्रैग-फ्लिक ने गेंद को नेट्स में डाल दिया. मुमताज की बदौलत भारत लीग मैच में तेजी से स्कोर कर रहा है.लखनऊ में सब्जी बेचने वाली उसकी मां कैसर जहां ने टीवी पर जब जर्मनी के खिलाफ मुमताज को गोल दागते देखा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

19 साल की मुमताज खान अब भारत की नई हॉकी सनसनी हैं. वह अपने बूते भारतीय टीम को लीग के शीर्ष में ले जा रही हैं. उनकी ड्रिबल और पावरप्ले से विरोधी टीम डरी हुई है.इस मैच के बाद नवाबों और हॉकी-प्रेमियों का शहर लखनऊ, मुमताज के परिवार पर प्यार और प्रशंसा बरसा रहा है. उसके परिजन सब्जी विक्रेता के रूप में आजीविका चलाते हैं

हॉकी स्टिक से मुमताज खान न सिर्फ भारत के ताकतवर विरोधियों को बल्कि सदियों पुरानी पितृसत्तात्मक वर्जनाओं को भी चकनाचूर कर रही हैं.उनकी मां इस बात से खुश हैं कि उनकी छह बेटियों में एक मुमताज खान ने उन सभी को जोरदार तमाचा मारा है, जिन्होंने अतीत में केवल बेटियां होने का उन्हें ताना मारा था.

कैसर जहां ने लखनऊ में अपनी सब्जी की दुकान पर बात करते हुए कहती हैं, ‘‘लोग अक्सर टिप्पणी करते थे कि मेरी केवल बेटियां हैं. मुमताज ने हमें गौरवान्वित किया है. सामाजिक कलंक तोड़ा है.‘‘

उन्होंने कहा,मेरी बेटी 100 बेटों के बराबर है.कैसर जहां प्रतिदिन 300 रुपये कमाती हैं. उन्होंने मुमताज खान को नीली जर्सी पहनने और एस्ट्रोटर्फ पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के सपनों का समर्थन करने के लिए अपनी औकात से बहुत ज्यादा खर्च किया है.

यहां तक कि मुमताज खान को भारतीय टीम की अन्य लड़कियों के साथ दक्षिण अफ्रीका मैच  खेलने जाने के लिए अपार आर्थिक संकट से जूझना पड़ा. मुमताज खान अन्य अंडर -19 भारतीय लड़कियों के साथ नीले रंग की जर्सी में टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं.

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पीएम मोदी से मुलाकात करते मुमताज खान

एक क्वार्टर फाइनल में पेनल्टी शूट को गोल में परिवर्तित करके जर्मनी को हराने के अलावा, मुमताज खान ने दक्षिण अफ्रीका के पोटचेफस्ट्रूम में एफआईएच महिला जूनियर विश्व कप में वेल्स के खिलाफ 41वें मिनट में शानदार फील्ड गोल के साथ भारत को 3-1से अजेय बढ़त दिलाई थी. भारत ने आखिरकार यह मैच 5-1से जीत लिया.

पिता हाफिज खान भी सब्जी बेचते हैं. वह कहते हैं, मुमताज खान को हॉकी का जुनून है और मैं उसका सबसे बड़ा समर्थक हूं.बता दें,एक हॉकी खिलाड़ी के रूप में मुमताज खान की यात्रा तब शुरू हुई जब वह एक दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आगरा गईं और नीलम सिद्दीकी ने उन्हें केडी सिंह बाबू स्टेडियम के स्पोर्ट्स हॉस्टल में प्रषिक्षण के लिए भेज दिया.

 

मुमताज की मां ने कहा, ‘‘मुझे बहुत गर्व है कि मेरी बेटी देश के लिए खेल रही है. हमें उसकी वजह से काफी सम्मान मिल रहा है.‘‘मुमताज की बहन फरहा खान ने कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि मेरी बहन एक अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी है. गरीबी के बावजूद, हमारे माता-पिता ने हमें अपने लिए कुछ करने में सक्षम बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.‘‘

 

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