अलीगढ़
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर समावेशन और समान अवसर के अपने वचन को दोहराते हुए विश्वविद्यालय पॉलीटेक्निक (ब्वॉयज़) के असेंबली हॉल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। दिव्यांगता इकाई द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 200 से अधिक छात्र-छात्राओं और स्वयंसेवकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य दिव्यांगजनों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, कल्याणकारी उपायों को मजबूत करना और उनके सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक अधिकारों को रेखांकित करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत डिप्टी कोऑर्डिनेटर डॉ. फ़ज़ीला शहनवाज़ ने अतिथियों और दिव्यांग छात्रों के स्वागत से की।
इसके बाद डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. रफ़ीउद्दीन ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय जीवन के सभी क्षेत्रों में दिव्यांग छात्रों की पूर्ण भागीदारी और बेहतर सुविधाएँ समय की आवश्यकता हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि एएमयू परिसर में पहुंच-योग्यता (Accessibility) को लगातार बेहतर बनाया जाएगा और छात्रों की समस्याओं के समाधान में उनका सहयोग जारी रहेगा।
विशिष्ट अतिथियों प्रो. मोहम्मद परवेज़ (OSD सलेक्शन कमिटी) और प्रो. मुजीब अहमद (प्रिंसिपल, यूनिवर्सिटी पॉलीटेक्निक) ने भी बाधा-रहित (Barrier-free) अवसंरचना की अनिवार्यता पर जोर दिया और दिव्यांग छात्रों के कल्याण के लिए संस्थागत समर्थन का भरोसा दिलाया।
कार्यक्रम की प्रमुख उपलब्धि के रूप में, दिव्यांग छात्रों को व्हीलचेयर, ट्राइसाइकिल, स्मार्ट स्टिक, हियरिंग एड, रिकॉर्डर, हेडफोन, पेन ड्राइव और अन्य सहायक उपकरण वितरित किए गए। यह वितरण डॉ. फ़ज़ीला शहनवाज़, डॉ. शगुफ्ता नियाज़ और डॉ. वसीम रज़ा ख़ान की देखरेख में सम्पन्न हुआ।
कोऑर्डिनेटर प्रो. मनवेंद्र कुमार पुंधीर ने इकाई की प्रमुख उपलब्धियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया, जिनमें शामिल हैं—
आरक्षण रोस्टर का अद्यतन
समान अवसर नीति का निर्माण
पहुंच-योग्यता दिशानिर्देशों का कार्यान्वयन
दिव्यांग छात्रों की कई शिकायतों का सफल समाधान
दिव्यांगता इकाई ने दिव्यांगता जागरूकता और अधिकारों को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान के लिए चार शिक्षकों को सम्मानित किया—
डॉ. मोहम्मद शुएब (वाणिज्य विभाग)
योगेश कुमार यादव (इतिहास विभाग)
डॉ. फ़ुर्कौन (महिला महाविद्यालय)
डॉ. इमराना ख़ातून (महिला महाविद्यालय)
डीएसडब्ल्यू प्रो. रफ़ीउद्दीन ने उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान किए।