उज्जैन
मध्य प्रदेश के उज्जैन में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर के प्राचीन मंदिर परिसर में सोमवार को 1500 संगीतकारों ने एक साथ ‘डमरू’ (एक छोटा सा पावर ड्रम) बजाया और नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. भगवा वस्त्र पहने ‘डमरू’ वादकों ने महाकालेश्वर मंदिर से सटे महाकाल कॉरिडोर में एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला प्रदर्शन किया, जिसमें मंदिर में ‘अनोखी’ ‘भस्म आरती’ के दौरान सुनाई देने वाली झांझ और ढोल की रोमांचक ध्वनियाँ सुनाई दीं.
यह कार्यक्रम श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति और मध्य प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा प्रायोजित था. विश्व रिकॉर्ड प्रयासों के लिए एक सलाहकार निश्चल बारोट ने कहा, “1500 से अधिक डमरू वादकों ने ‘सबसे बड़े डमरू समूह’ श्रेणी में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में प्रवेश करने की उपलब्धि हासिल की.” उन्होंने बताया कि इससे पहले सबसे बड़े डमरू समूह का रिकॉर्ड 488 व्यक्तियों का था, जिसे अब अगस्त 2022 में न्यूयॉर्क में फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन ने तोड़ दिया है.
इस अवसर पर लोगों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ‘बाबा महाकाल’ की नगरी को ‘डमरू की ध्वनि से गुंजायमान’ करने की इच्छा पूरी हुई है. उन्होंने कहा, ‘श्रावण मास के तीसरे सोमवार को उज्जैन ने भस्म आरती की धुन पर डमरू बजाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया. इस अद्भुत और आध्यात्मिक अनुभूति को शब्दों में बयां करना बहुत मुश्किल है.’
उज्जैन के जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि यह उपलब्धि महाकालेश्वर मंदिर के पीठासीन देवता को समर्पित है. इस क्षेत्र में पिछला रिकॉर्ड न्यूयॉर्क में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के दौरान प्रवासी भारतीयों द्वारा बनाया गया था, जिसमें 488 लोगों ने भाग लिया था.