इस्लामाबाद।
अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान को उसके F-16 लड़ाकू विमानों के आधुनिकीकरण के लिए 686 मिलियन डॉलर मूल्य के पार्ट्स और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी बेचने की मंजूरी दे दी है। यह कदम पाकिस्तान वायुसेना की क्षमताओं को नए सिरे से मजबूत करने की दिशा में एक अहम विकास माना जा रहा है।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार, इस पैकेज में मिलने वाली उन्नत तकनीक और उपकरणों से पाकिस्तान के बेड़े में शामिल 75 F-16 फाइटर जेट्स की मारक क्षमता, निगरानी शक्ति और ऑपरेशनल रेडीनेस में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी होगी।
पेंटागन का कहना है कि यह अपग्रेड पाकिस्तान को काउंटर-टेररिज्म ऑपरेशन, सीमा सुरक्षा और भविष्य की संभावित क्षेत्रीय चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना करने में मदद करेगा।
अमेरिकी कांग्रेस के पास ट्रंप प्रशासन के इस निर्णय की समीक्षा करने के लिए 30 दिनों का समय है। अगर कांग्रेस आपत्ति नहीं जताती है तो यह सौदा औपचारिक रूप से लागू हो जाएगा।
रणनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, पाकिस्तान को यह तकनीकी समर्थन क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन पर भी प्रभाव डाल सकता है, खासकर ऐसे समय में जब दक्षिण एशिया में भू-राजनीतिक तनाव लगातार बढ़ रहा है। भारत ने पहले भी कई बार पाकिस्तान को F-16 सहायता पर चिंता जताई है, हालांकि अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह समर्थन केवल आतंकवाद-रोधी अभियानों और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से है।
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रक्षा सहयोग पिछले कुछ वर्षों में उतार-चढ़ाव भरा रहा है, लेकिन यह कदम दोनों देशों के बीच सामरिक सहयोग की नई दिशा की ओर संकेत माना जा रहा है।