आवाज़ द वॉयस, इस्लामाबाद
पाकिस्तान के पंजाब में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं, जहाँ सुरक्षा बलों पर ही अपने नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लग रहा है। मुख्य कारण हैतहरीक‑ए‑लब्बैक पाकिस्तान (TLP) का विरोध प्रदर्शन, जो सेना और सरकार दोनों के खिलाफ तेज हो गया है।
लाहौर से आने वाली रिपोर्टों के मुताबिक, प्रशासन ने TLP के प्रदर्शनकारियों पर रोक लगाने की कोशिश की, लेकिन झड़पें बढ़ गईं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने कार्यवाही करते समय “तेज़ाब” जैसे विनाशक हथियारों का इस्तेमाल किया। सूत्रों ने यह भी बताया कि गोलीबारी और भारी गोलाबारी की घटनाएं हो रही हैं, और घायल लोगों की संख्या बढ़ रही है।
इस बीच, इस्लामाबाद और रावलपिंडी मेंमोबाइल इंटरनेट सेवाएँ निलंबितकर दी गई हैं, ताकि प्रदर्शन की अभिव्यक्ति और संगठन को रोका जाए।
शहरों में प्रमुख मार्गों को कंटेनरों से बंद किया गया है, और मेट्रो बस सेवाएँ भी प्रभावित हुई हैं।
सरकारी कदम ऐसे समय में उठाए गए हैं जब TLP ने इस्लामाबाद में “लॉन्ग मार्च” की घोषणा की है और उन्होंने कहा है कि वे गाज़ा में हत्याओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
पंजाब पुलिस ने लाहौर में TLP मुख्यालय पर छापा मारा और उसके प्रमुख नेताओं को गिरफ़्तार करने की कार्रवाई की। इसके जवाब में इलाकों में तनाव बढ़ गया।
अब सार्वजनिक व्यवस्था की स्थिति पेचिदा हो गई है। प्रदर्शन, दमन, संचार बंदी — ये सब मिलकर एक ऐसे संकट का चेहरा दिखा रहे हैं, जिसमें नागरिकों की आवाज़ दबाई जा रही है, और राज्य उपकरण द्वारा नियंत्रण की कोशिश कर रहा है।
आगे क्या होगा, यह समय तय करेगा — लेकिन इस समय की तस्वीर यह है कि पाकिस्तान की जनता और राजनीतिक सत्ता के बीच संघर्ष गहरा हो गया है।