नई दिल्ली. पंजाब प्रांत की पाकिस्तान पुलिस ने 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, जो सियालकोट में भीड़ का हिस्सा थे और जिन्होंने एक कारखाने के श्रीलंकाई निर्यात प्रबंधक की हत्या कर दी थी. फिर भीड़ ने मैनेजर के शरीर को सार्वजनिक रूप से जला दिया था.
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, पुलिस ने प्रियंता कुमारा की चालीस साल की उम्र में मॉब लिंचिंग में शामिल लोगों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए 10टीमों का गठन किया था.
गौतलब है कि दो रिंग लीडर्स ने मीडिया से बात की थी. इसकी क्लिप सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई थी और दावा किया कि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को दंडित करने का सही काम किया, जिसने पैगंबर के सम्मान का उल्लंघन करने का साहस किया था.
पंजाब सरकार के प्रवक्ता हसन खरवार ने पत्रकारों को बताया कि मॉब लिंचिंग के मामले में अब तक 100से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
कुछ की पहचान सीसीटीवी फुटेज से हुई है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस कृत्य की निंदा करते हुए कहा कि यह देश के लिए ‘शर्म का दिन’ है और इसमें शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा.
श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने मामले की जांच की मांग की है, जबकि एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक स्वतंत्र जांच पर जोर दिया है.
पाकिस्तान मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कुमारा एक कारखाने के महाप्रबंधक थे. उन्होंने ने कथित तौर पर तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) चरमपंथी संगठन की एक पोस्ट को फाड़ दिया, जिसने पिछले महीने सरकार के साथ एक समझौता किया था और जिसके बाद इस चरमपंथी संगठन को वैधता मिली.