रियाद
मध्य अफ्रीकी देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो (DRC) ने अंततः क़तर की मध्यस्थता में M23 विद्रोही समूह के साथ शांति समझौते के मसौदे पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह समझौता उस हिंसक संघर्ष को कम करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है, जिसमें इस वर्ष हज़ारों लोग मारे गए और लाखों विस्थापित हुए।
फ्रांसीसी समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, यह समझौता दोहा में आयोजित एक विशेष समारोह में कांगो और M23 के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। अमेरिका और क़तर लंबे समय से इस संघर्ष के समाधान के लिए प्रयासरत थे, क्योंकि स्थिति एक बड़े क्षेत्रीय युद्ध में बदलने का खतरा पैदा कर रही थी।
अमेरिकी और कतरी अधिकारियों ने इस मसौदे को शांति की दिशा में “महत्वपूर्ण कदम” बताया है, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अभी कई बिंदुओं पर सहमति और क्रियान्वयन बाकी है। मध्य पूर्व में अमेरिका के वरिष्ठ दूत मसाद बुलुस ने बताया कि समझौते को आठ प्रोटोकॉल में विभाजित किया गया है, जिनमें से केवल दो पर ही कुछ प्रगति हुई है, जबकि छह अभी लागू होने बाकी हैं।
उन्होंने कहा कि कैदियों की अदला-बदली और युद्धविराम निगरानी से जुड़े प्रारंभिक प्रोटोकॉल का क्रियान्वयन धीमी गति से हो रहा है। उनके अनुसार, “लोग तुरंत परिणाम देखना चाहते हैं, लेकिन यह एक लंबी प्रक्रिया है, कोई स्विच नहीं जिसे तुरंत ऑन-ऑफ किया जा सके।”
संघर्ष की पृष्ठभूमि
जनवरी में M23 विद्रोही संगठन—जिसे पड़ोसी रवांडा के समर्थन का आरोप झेलना पड़ता है—ने कांगो के पूर्वी हिस्से में स्थित रणनीतिक शहर गोमा पर कब्ज़ा कर लिया था। इस दौरान भीषण गोलीबारी और हिंसा हुई, जिसके चलते हज़ारों लोग शहर छोड़कर भाग गए। कई जेलों पर विद्रोहियों ने हमला किया और आग लगा दी, जिससे हज़ारों कैदी फरार हो गए।
M23 विद्रोहियों ने खनिज-समृद्ध पूर्वी क्षेत्र में लगातार अभियान चलाए और हज़ारों लोगों को उनके घरों से विस्थापित कर दिया। इससे यह आशंका बढ़ गई कि कांगो का पुराना संघर्ष एक क्षेत्रीय युद्ध का रूप ले सकता है।
हालाँकि, रवांडा लगातार M23 को समर्थन देने के आरोपों से इनकार करता रहा है।
संघर्ष अभी भी जारी
कूटनीतिक प्रयासों के बावजूद कांगो में हिंसा पूरी तरह रुकी नहीं है। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को उत्तरी किवु प्रांत में आईएस-समर्थित आतंकियों के हमले में 28 लोग मारे गए।
क़तर ने अप्रैल से कई दौर की वार्ताओं की मेजबानी की थी, जिनमें अधिकतर भरोसा-निर्माण और पूर्व-शर्तों पर चर्चा हुई। जुलाई में दोनों पक्ष संघर्ष समाप्ति के सिद्धांतों पर सहमत हुए थे, जबकि अक्टूबर में संभावित युद्धविराम की निगरानी पर भी सहमति बनी थी।
क़तर का बयान
क़तर के विदेश राज्य मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलअज़ीज़ अल-खुलैयफी ने कहा कि शनिवार को हुआ यह समझौता दोनों पक्षों को शांति की दिशा में आगे बढ़ाता है। उन्होंने कहा, “शांति बलपूर्वक नहीं लाई जा सकती; यह विश्वास, आपसी सम्मान और ईमानदार प्रतिबद्धता पर आधारित होती है।”