मंदिर पर हमला मामले में पाकिस्तान सप्रीम कोर्ट की फटकार

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 06-08-2021
मंदिर पर हमला मामले में पाकिस्तान सप्रीम कोर्ट की फटकार
मंदिर पर हमला मामले में पाकिस्तान सप्रीम कोर्ट की फटकार

 

आवाज द वाॅयस / इस्लामाबाद

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब प्रांत के रहीम यार खान में मंदिर में तोड़-फोड़ मामले में इमरान खान की पार्टी पीटीआई की पंजाब सरकार को खूब लताड़ लगाई. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए पंजाब के साशन-प्रशासन को निकम्मा तक करा दिया. कहा-यदि हिंदू मस्जिद तोड़ दंें तो मुसलमानों को कैसा लगेगा ?

कोर्ट ने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और शरारत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए.मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट ने रहीम यार खान मंदिर हमले के मामले की सुनवाई की जिसमें आईजी पंजाब और मुख्य सचिव पंजाब के अतिरिक्त महाधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश हुए.

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद ने पंजाब के आईजी इनाम गनी और मुख्य सचिव को फटकार लगाते हुए कहा कि मंदिर पर हमला किया गया, प्रशासन और पुलिस क्या कर रही थी. इसपर आईजी पंजाब ने जवाब दिया कि एसी और एएसपी मौके पर मौजूद थे. प्रशासन की प्राथमिकता लोगों की रक्षा करना था. मंदिर के आसपास हिंदू घर हैं.

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यदि आयुक्त और उपायुक्त और डीपीओ काम नहीं कर सकते हैं, तो उन्हें उनके पदों से हटा दिया जाना चाहिए, जिस पर आईजी ने जवाब दिया कि मामले में आतंकवाद के प्रावधान लगाए गए हैं.

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि पूरी घटना 8साल के बच्चे की वजह से हुई. इस घटना ने पाकिस्तान को पूरी दुनिया में बदनाम कर दिया. पुलिस ने तमाशा देखने के अलावा कुछ नहीं किया. क्या कोई गिरफ्तारी हुई ? जस्टिस काजी अमीन के पूछने पर आईजी पंजाब ने कहा कि मंदिर हमले के मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल सोहेल महमूद ने अदालत को बताया कि प्रधानमंत्री ने भी मामले का संज्ञान लिया है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपना काम जारी रखना चाहिए. मामले के कानूनी पहलू पर गौर करना चाहिए. पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रही.

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि घटना के तीन दिन बाद भी एक भी व्यक्ति पकड़ा नहीं गया है. घटना पर पुलिस के पछतावे को देखकर ऐसा लगता है कि पुलिस में कोई उत्साह नहीं है. सोचो अगर हिंदू समुदाय, मस्जिद को तोड़ दे तो मुसलमानों की प्रतिक्रिया होगी?

जस्टिस काजी अमीन ने कहा कि तब पुलिस आरोपियों को जमानत देगी, उनके बीच सुलह करा देगी और सरकारी पैसे से मंदिर बनेगा.

शीर्ष अदालत ने किसी भी मामले में आरोपी से मंदिर के जीर्णोद्धार का खर्च वसूलने का भी आदेश दिया.आयुक्त रहीम यार खान के प्रदर्शन पर असंतोष व्यक्त करते हुए शीर्ष अदालत ने प्रभावित क्षेत्र में शांति के लिए एक ग्राम समिति गठित करने का निर्देश दिया.

शीर्ष अदालत ने आईजी और मुख्य सचिव से एक सप्ताह के भीतर प्रगति रिपोर्ट मांगी और कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं सुनिश्चित की जाएं.बाद में अदालत ने रहीम यार खान मंदिर हमले के मामले की सुनवाई 13अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी.

उल्लेखनीय है कि इस मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी सफाई दी है, जबकि भारत ने मुददे पर अपनी आपत्ति जता चुका है.