पाकिस्तान ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड साजिद मीर को गिरफ्तार किया ?

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 25-06-2022
पाकिस्तान ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड साजिद मीर को गिरफ्तार किया ?
पाकिस्तान ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड साजिद मीर को गिरफ्तार किया ?

 

आवाज द वॉयस /इस्लामाबाद 
 
पाकिस्तान ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के साजिद मीर को एक दशक से अधिक समय के बाद गिरफ्तार किया है. मीर की गिरफ्तारी की चर्चा सोशल मीडिया पर हो रही है, पर इसकी अधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है.
 
बताया जा रहा है कि उसकी गिरफ्तारी पाकिस्तान की फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की अंतरराष्ट्रीय आतंकी-वित्तपोषण निगरानी सूची से खुद को निकालने की इच्छा के बीच की गई है. वर्तमान में, देश में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए मापदंडों को पूरा नहीं करने के लिए पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में है. लश्कर संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी संगठन है. 
 
निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान वर्षों से मीर की मौजूदगी से इनकार करता रहा है. यहां तक ​​कि एक बार दावा किया गया था कि वह मर चुका है. जब कि साजिद मीर एफबीआई की सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों की सूची में है. इसके सिर पर 5 मिलियन अमरीकी डालर का इनाम है.
 
उसे अमेरिका और भारत दोनों कई सालों से ढूंढ रहे हैं. मीडिया पोर्टल के साथ बातचीत में, पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री, हम्माद अजहर ने कहा कि पाकिस्तान ने मीर और अन्य नामित आतंकवादियों के खिलाफ कदम उठाए गए हैं, जो एफएटीएफ के लिए संतोषजनक है.
 
इसके अलावा, निक्केई एशिया से बात करते हुए, एफबीआई के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मीर पाकिस्तान में जिंदा है, हिरासत में है और उसे सजा सुनाई गई है.
 
मामले से वाकिफ एक अन्य पूर्व पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा, पाकिस्तानियों ने भारत और अमेरिका दोनों के समक्ष स्वीकार किया है कि साजिद मीर , जो मुंबई हमलों के सिलसिले में वांछित था, या तो मर गया है या पाकिस्तान में नहीं है.
 
एक अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान आतंकवाद का मुकाबला करने और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के संस्थापक मसूद अजहर और लश्कर के साजिद मीर जैसे 2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड सहित आतंकवादियों पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त कदम उठाने में विफल रहा है.
 
अमेरिकी विदेश विभाग ने अपनी 2020 कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म में कहा है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अपनी 2015 की राष्ट्रीय कार्य योजना के सबसे कठिन पहलुओं पर सीमित प्रगति की है. विशेष रूप से बिना किसी देरी या भेदभाव के सभी आतंकवादी संगठनों को खत्म करने की अपनी प्रतिज्ञा पर अमल नहीं कर रहा है.
 
रिपोर्ट में कहा गया कि कैसे फरवरी और फिर नवंबर, 2021 में, लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को आतंकवाद के वित्तपोषण के कई मामलों में दोषी ठहराया और उसे पांच साल और छह महीने जेल की सजा सुनाई.
 
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान ने  अन्य आतंकवादी नेताओं, जैसे जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर और  2008 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा के साजिद मीर के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कदम नहीं उठाए.रिपोर्ट में उल्लेख है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां ​​आतंकी खतरों को बाधित करने में प्रभावी हैं. 
 
पाकिस्तान की कारस्तानी को देखते हुए इंडियन मल्टी-एजेंसी सेंटर (मैक) आतंकवादी स्क्रीनिंग सूचनाओं के आदान-प्रदान पर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ सहयोग करता रहा है.