Only natural gas will increase in the energy mix of US, China and India by 2050: Report
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
2050 तक अमेरिका, चीन और भारत की ऊर्जा जरूरतों में प्राकृतिक गैस ही एकमात्र ऐसा जीवाश्म ईंधन होगा जिसकी हिस्सेदारी बढ़ने की संभावना है, जबकि कोयला और तेल का योगदान घटेगा। यह जानकारी न्यूवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की ओर से जारी एक सेक्टर अपडेट में दी गई है, जिसमें एस एंड पी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स के आंकड़ों का हवाला दिया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है, “2050 तक गैस ही एकमात्र ऐसा जीवाश्म ईंधन होगा, जिसकी हिस्सेदारी अमेरिका, चीन और भारत की ऊर्जा मिश्रण (एनर्जी मिक्स) में बढ़ सकती है.
हालांकि नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में दुनिया भर में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है, फिर भी आने वाले दशकों में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में जीवाश्म ईंधनों का प्रभुत्व बना रहेगा। नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी मौजूदा 4 प्रतिशत से बढ़कर 2050 तक लगभग 20 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि जीवाश्म ईंधनों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से ऊपर बनी रहेगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, “भारत की ऊर्जा खपत 2024 में 77 प्रतिशत जीवाश्म ईंधनों पर आधारित है और नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी केवल 2 प्रतिशत है.2050 तक यह घटकर 66 प्रतिशत रह जाएगी और नवीकरणीय ऊर्जा बढ़कर 16 प्रतिशत तक पहुंच सकती है.
रिपोर्ट में प्राकृतिक गैस को “ट्रांज़िशन फ्यूल” बताया गया है, जो कोयले के मुकाबले अधिक स्वच्छ और लचीला विकल्प देता है. अमेरिका, यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया में कोयले से गैस की ओर संक्रमण अपेक्षाकृत सफल रहा है, जबकि भारत इस क्षेत्र में पीछे है.
रिपोर्ट के अनुसार, कोयले से सीधे नवीकरणीय ऊर्जा की ओर शिफ्ट करने में स्केलेबिलिटी और वाणिज्यिक चुनौतियां हैं, जिससे प्राकृतिक गैस एक अहम पुल का काम कर सकती है.