कोरोना के बीच दुनिया में नई आफत! एचआईवी का खतरनाक वेरिएंट आया सामने

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 05-02-2022
एचआईवी का खतरनाक वेरिएंट आया सामने
एचआईवी का खतरनाक वेरिएंट आया सामने

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
 
ऑक्सफोर्ड के शोधकर्ताओं ने एचआईवी के एक बेहद खतरनाक स्ट्रेन की खोज की हैै. हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि आधुनिक उपचारों की प्रभावशीलता के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं.
 
साइंस जर्नल में प्रकाशित शोधकर्ताओं के विश्लेषण में पाया गया कि वायरस से संक्रमित मरीजों के रक्त में अन्य प्रकार से संक्रमित लोगों की तुलना में 3.5 से 5.5 गुना अधिक वायरस थे. इस प्रकार को ‘वीबी वेरिएंट‘ कहा जाता है. वीबी वेरिएंट की वजह से इम्युनिटी तेजी से प्रभावित होता है.
 
हालांकि, अध्ययन में यह भी पाया गया कि वीबी संस्करण से संक्रमित लोगों में वही प्रतिरक्षा प्रणाली थी जो बहाल हो गई थी और वायरस से बच गई थी, क्योंकि इलाज शुरू करने के बाद अन्य प्रकार के एचआईवी से संक्रमित लोग थे.
 
ऑक्सफोर्ड के महामारी विज्ञानी क्रिस वायमेंट और अध्ययन के प्रमुख लेखक ने बताया कि वायरस के नए तनाव के बारे में चिंता का कोई कारण नहीं है. शोधकर्ताओं के अनुसार, इस प्रकार के 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में नीदरलैंड में दिखाई देने की संभावना थी. उसके लापता होने के सबूत 2010 के आसपास गायब होने लगे.
 
उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न प्रकार के एचआईवी की खोज ने दुनिया को चेतावनी दी है कि हमें कभी भी अति आत्मविश्वास नहीं होना चाहिए, यह सोचकर कि वायरस आकार बदलने पर कमजोर हो जाते हैं.‘‘ 
 
क्रिस व्हाइट ने कहा, टीम ने 109 लोगों को वीबी वेरिएंट से संक्रमित पाया. इनमें से चार नीदरलैंड के बाहर रह रहे हैं. ये लोग सिर्फ पश्चिमी यूरोप में हैं. एचआईवी वायरस लगातार विकसित हो रहा है.
 
यह इतना बदल जाता है कि प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति थोड़ा अलग दिखता है. वीबी के विभिन्न रूपों में 500 से अधिक उत्परिवर्तन देखे गए हैं. यह खोज ऐसे समय में हुई है जब पूरी दुनिया में कोरोना महामारी कहर बरपा रही है.