नेतन्याहू और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात ‘बहुत जल्द’, इजराइली पीएमओ ने दी पुष्टि

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 11-12-2025
Netanyahu and Prime Minister Modi to meet
Netanyahu and Prime Minister Modi to meet "very soon," Israeli PMO confirms; both countries are moving quickly on a free trade agreement.

 

यरुशलम

भारत और इजराइल के संबंधों में एक बार फिर उच्च-स्तरीय गति दिख रही है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को अपने भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी से टेलीफोन पर बातचीत की, जिसमें दोनों नेताओं ने “बहुत जल्द मुलाकात” करने पर सहमति व्यक्त की। इजराइली प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट जारी कर इस बातचीत की पुष्टि की और बताया कि वार्ता सकारात्मक और आगे की दिशा तय करने वाली रही।

पीएमओ के अनुसार, बातचीत के अंत में दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति बनाई कि द्विपक्षीय साझेदारी को नई ऊर्जा देने के लिए जल्द से जल्द साक्षात मुलाकात जरूरी है। यह संकेत उस समय आया है जब दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। रणनीतिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए इस साल इजराइल के कई वरिष्ठ मंत्रियों—पर्यटन मंत्री हैम काट्ज, अर्थव्यवस्था एवं उद्योग मंत्री नीर बरकात, कृषि और खाद्य सुरक्षा मंत्री एवी डाइचर, और वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच—ने भारत का दौरा किया था।

स्मोट्रिच की यात्रा के दौरान भारत और इजराइल ने द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) पर हस्ताक्षर किए, जिसने आर्थिक सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण आधार तैयार किया। इसके बाद पिछले महीने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की इजराइल यात्रा के दौरान मुक्त व्यापार समझौते के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस (TOR) पर दस्तखत किए गए, जिससे एफटीए के औपचारिक वार्ता चरण की राह साफ हो गई।

हाल ही में मीडिया में आई उन रिपोर्टों को भी इजराइल के उच्च-स्तरीय सूत्रों ने खारिज किया, जिनमें दावा किया गया था कि दिल्ली विस्फोटों की सुरक्षा चिंताओं के चलते नेतन्याहू की भारत यात्रा स्थगित की गई थी। इजराइली अधिकारियों ने भारत की सुरक्षा प्रणाली पर “पूर्ण विश्वास” व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों देश मिलकर नेतन्याहू की यात्रा की संभावित तारीखों को अंतिम रूप दे रहे हैं।

भारत-इजराइल संबंधों में यह नई सक्रियता संकेत देती है कि रक्षा, कृषि-तकनीक, साइबर सुरक्षा, व्यापार और निवेश जैसे क्षेत्रों में दोनों देश आने वाले महीनों में कई महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं।