शारजाह
शारजाह के उपशासक और शारजाह विश्वविद्यालय (UOS) के अध्यक्ष शेख सुलतान बिन अहमद अल कासिमी के संरक्षण में चौथा अरब बौद्धिक संपदा सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मेलन “डिजिटल तकनीकों के युग में बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा” के विषय के तहत 23 सितंबर मंगलवार से 25 सितंबर गुरुवार तक शारजाह विश्वविद्यालय में संपन्न होगा।
सम्मेलन का आयोजन शारजाह विश्वविद्यालय द्वारा अरब प्रशासनिक विकास संगठन (ARADO) – अरब लीग, यूएई इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एसोसिएशन और मिस्र-जापान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सहयोग से किया जा रहा है।
सम्मेलन का उद्देश्य डिजिटल तकनीकों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बौद्धिक संपदा अधिकारों पर पड़ने वाले प्रभाव और चुनौतियों को उजागर करना है। इसके अलावा, विभिन्न प्रकार के बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनी ढांचे के विकास पर भी चर्चा होगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बौद्धिक कार्यों के उपयोग और वितरण में निष्पक्षता बनी रहे।
तीन दिनों के सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिनमें बौद्धिक संपदा अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय समझौते और उनकी तेजी से विकसित होती डिजिटल तकनीकों के साथ तालमेल बनाए रखने की क्षमता शामिल है। इसके अलावा, सम्मेलन में वास्तविक और आभासी दुनिया में कानूनी चुनौतियाँ, डिजिटल रूपांतरण, बौद्धिक संपदा सुरक्षा में AI का उपयोग, मीडिया की भूमिका और विश्वविद्यालयों एवं स्कूलों में IP अवधारणाओं को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर चर्चा होगी।
सम्मेलन में सात से अधिक वैज्ञानिक सत्र और पैनल चर्चाएँ शामिल हैं। इस अवसर पर दुनिया भर के बौद्धिक संपदा विशेषज्ञ, शारजाह विश्वविद्यालय के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, लॉ, इंजीनियरिंग, विज्ञान, कंप्यूटिंग, फार्मेसी और मेडिसिन कॉलेजों के शिक्षक, छात्र और शोधकर्ता भाग लेंगे। साथ ही, इंटरपोल, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट कार्यालयों जैसे विभिन्न कानून प्रवर्तन संस्थानों के विशेषज्ञ भी इसमें शामिल होंगे, जो बौद्धिक संपदा और तकनीकी हस्तांतरण के क्षेत्र में सक्रिय हैं।