मारिया कोरिना मचाडो ने नोबेल शांति पुरस्कार अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प को समर्पित किया

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 11-10-2025
Maria Corina Machado dedicates Nobel Peace Prize to US President Trump
Maria Corina Machado dedicates Nobel Peace Prize to US President Trump

 

न्यूयॉर्क

इस वर्ष के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो ने यह पुरस्कार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को समर्पित किया है। शुक्रवार को नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने मचाडो को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया।

पुरस्कार मिलने के बाद मचाडो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा:"यह पुरस्कार सभी वेनेज़ुएलावासियों के संघर्ष की मान्यता है और यह हमारे लक्ष्य — स्वतंत्रता प्राप्ति — के लिए एक शक्तिशाली प्रेरणा बनेगा।"

उन्होंने आगे कहा:"हम इस वक्त जीत के दरवाज़े पर खड़े हैं। हम राष्ट्रपति ट्रम्प, अमेरिका के नागरिकों, लैटिन अमेरिका के लोगों और दुनिया के उन सभी लोकतांत्रिक देशों को याद करते हैं, जिन्होंने हमारी स्वतंत्रता की लड़ाई में साथ दिया है।"

अपने संदेश के अंत में मचाडो ने घोषणा की:"मैं यह पुरस्कार वेनेज़ुएला के पीड़ित नागरिकों और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को समर्पित करती हूं, जिन्होंने हमारी मदद की।"

व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया: नोबेल में राजनीति, शांति नहीं

इस घटनाक्रम के बाद व्हाइट हाउस ने नोबेल समिति की आलोचना करते हुए कहा कि इस वर्ष के चयन में "शांति की जगह राजनीति को तरजीह दी गई है"

हालांकि, बयान में यह भी कहा गया कि"राष्ट्रपति ट्रम्प शांति स्थापित करने, युद्ध रोकने और मानवता की भलाई के लिए लगातार प्रयास करते रहेंगे, चाहे उन्हें नोबेल पुरस्कार मिले या नहीं। उनके पास एक करुणामय हृदय है, और उनकी इच्छाशक्ति वह शक्ति है जो असंभव को संभव कर सकती है।"

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने आगे कहा:"नोबेल समिति ने अपने फैसले से यह साफ कर दिया है कि अब शांति नहीं, बल्कि राजनीति ही उनके निर्णयों की दिशा तय करती है।"

मचाडो की प्रतिक्रिया: सम्मान और आश्चर्य

मारिया कोरिना मचाडो ने पुरस्कार को "एक बड़े सम्मान और प्रेरणा" के रूप में स्वीकार करते हुए कहा कि वह इस सम्मान को पाकर आश्चर्यचकित हैं, लेकिन यह उनके देश की जनता के लिए एक उम्मीद की किरण है।

उनका यह बयान और ट्रम्प को समर्पण अंतरराष्ट्रीय राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है, विशेषकर ऐसे समय में जब वेनेज़ुएला में लोकतंत्र की बहाली और मानवाधिकारों के मुद्दे को लेकर अंतरराष्ट्रीय दवाब लगातार बढ़ रहा है।