कराची हमलाः दो बच्चों की मां आत्मघाती हमलावर थी सरकारी स्कूल में विज्ञान की टीचर

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 27-04-2022
कराची हमलाः दो बच्चों की मां आत्मघाती हमलावर थी सरकारी स्कूल में विज्ञान की टीचर
कराची हमलाः दो बच्चों की मां आत्मघाती हमलावर थी सरकारी स्कूल में विज्ञान की टीचर

 

आवाज द वाॅयस / क्वेटा / पाकिस्तान
 
कराची में चीनी शिक्षकों को निशाना बनाने वाली आत्मघाती हमलावर एक महिला थी और वह पेशे से शिक्षकक थी. इस हमले की प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी की मजीद ब्रिगेड ने जिम्मेदारी ली है. इस हमले में चार चीनी मारे गए हैं.

मजीद ब्रिगेड बलूचिस्तान के बलूच इलाकों में सक्रिय है और इसके ज्यादातर ऑपरेशन गुरिल्ला रणनीति के तहत किए जाते हैं. यानी ये गुपचुप तरीके से निशाना साधते हैं और भाग जाते हैं.
हालांकि, 2018 के बाद से, बीएलए ने धार्मिक चरमपंथी संगठनों द्वारा इस्तेमाल किए गए उसी तरीके को अपनाया है. यानी आत्मघाती बम विस्फोटों के माध्यम से हमले शुरू करना.
 
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पाकिस्तान में चीनी निवासियों पर हमले, कब और कहां ?

2018 में पहली बार बीएलए ने चीनी निवासियों पर आत्मघाती हमला किया.चाघी के दलबंदिन इलाके में सेंडक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी इंजीनियरों की बस पर आत्मघाती कार बम हमले को तत्कालीन बीएलए प्रमुख असलम अछो के बेटे ने अंजाम दिया था. तब से, संगठन ने कराची, ग्वादर, नोशकी और पंजगुर में ऐसे आठ हमले किए हैं.
 
हालांकि बलूच महिला की आत्महत्या का यह पहला मामला है.प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी ने महिला की तस्वीर जारी की है, जिसकी पहचान शैरी बलूच उर्फ ​​बरमाश के रूप में हुई है. हमले से पहले की एक और फोटो में शैरी बलूच अपने छोटे बच्चों के साथ बैठी नजर आ रही हैं.
 
विज्ञान की टीचर थी वह

शैरी बलूच ने ट्विटर पर अपनी प्रोफाइल में अपनी शैक्षणिक योग्यता एम.फिल इन एजुकेशन और मास्टर्स इन जूलॉजी बताई है. शैरी बलूच के परिवार के एक परिचित ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शैरी बलूच बलूचिस्तान के किच इलाके में एक उच्च शिक्षित और आर्थिक रूप से संपन्न परिवार से ताल्लुक रखता थी.
 
उनके परिवार के कई सदस्य उच्च सरकारी पदों पर रहे हैं या रहे हैं.उसने कहा कि शैरी एक बेटी और एक बेटे सहित दो छोटे बच्चों की मां थी. उसका पति एक दंत चिकित्सक है और उसके पिता एक सरकारी एजेंसी में निदेशक.उसके चाचा एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर और बलूची लेखक हैं जिन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं.
 
30 साल की शैरी बलूच तुर्बत के एक सरकारी स्कूल में विज्ञान की शिक्षिका के तौर पर पढ़ा रही थी. कुछ महीने पहले वह कराची चली गई. उन्होंने 2014 में बी.एड, 2018 में एम.एड और फिर जूलॉजी में मास्टर्स किया और फिर अल्लामा इकबाल ओपन यूनिवर्सिटी तुरबत से एम.फिल किया.
 
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छात्र जीवन से अलगाव वादी

उन्होंने कहा कि शैरी बलूच के परिवार का कोई भी सदस्य लापता नहीं है. वह किसी सशस्त्र समूह से जुड़ा नहीं है.हालांकि, अपने छात्र दिनों के दौरान, वह एक अलगाववादी विचारधारा वाले छात्र संगठन, बलूच छात्र संगठन आजाद की सदस्य थीं, जिसे पाकिस्तानी सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था.
 
बीएसओ आजाद के कई सदस्य, जिनमें बीएलए के वर्तमान प्रमुख बशीर जेब भी शामिल हैं, बाद में सशस्त्र समूहों में शामिल हो गए.