काबुल:महसा अमिनी की मौत के विरोध में प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर तालिबान की फायरिंग
आवाज द वॉयस/काबुल
तालिबान का एक बार फिर दमनकारी चेहरा उजागर हुआ है. काबुल मंे प्रदर्शन कर रही महिलाओं को तितर-बितर करने के लिए हवा में फायरिंग की. ईरान में महसा अमिनी की मौत को लेकर महिला अधिकार कार्यकर्ता काबुल में ईरानी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन कर रही थीं.
खामा प्रेस के अनुसार, महिला प्रदर्शनकारियों ने और स्वतंत्रता और ईरान के बाद अब हमारी बारी है के नारे लगाए. लेकिन तालिबान बलों ने हवाई फायरिंग कर प्रदर्शन को दबा दिया.
यह घटना इस्लामिक अमीरात के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी के कहने के बाद सामने आया है कि कार्यकारी सरकार इस्लामी मूल्यों के आधार पर महिलाओं के अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है.
प्रदर्शनकारियों में से एक, ने कहा, हम ईरान के महसा की तरह अपनी आवाज उठाते हैं, क्योंकि महसा जैसे कई (लोग) अफगानिस्तान में शिकार हुए है.टोलो न्यूज ने करीमी के हवाले से कहा, इस्लामिक अमीरात इस्लामी प्रारूप में सभी नागरिकों के अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है.
चाहे वह बच्चा हो या वयस्क या किसी भी स्तर पर. बता दें कि ईरानी महसा अमीरी की मौत से ईरान के अंदर और बाहर व्यापक प्रतिक्रिया हुई है.ईरान में, कई महिलाएं 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं.
महसा अमिनी की मौत के विरोध में महिलाओं को अपने बाल कटवाते और हिजाब जलाते हुए देखा गया.औपचारिक रूप से गश्त-ए इरशाद (मार्गदर्शन गश्ती) के रूप में जानी जाने वाली नैतिकता पुलिस के आचरण को लेकर ईरान के अंदर और बाहर बढ़ते विवाद के बीच अमिनी की मौत हुई है.
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, अनिवार्य ड्रेस कोड, जो सभी राष्ट्रीयताओं और धर्मों पर लागू होता है, न कि केवल ईरानी मुसलमानों पर, महिलाओं को अपने बालों और गर्दन को एक स्कार्फ से छुपाने की आवश्यकता होती है.