दुबई,
ईरान ने मंगलवार को पुष्टि की कि अमेरिकी और इज़राइली हवाई हमलों में उसके प्रमुख परमाणु प्रतिष्ठानों—फोर्दो, इस्फ़हान और नतांज—को गंभीर क्षति पहुंची है। सरकार की प्रवक्ता फतेमेह मोहजेरानी ने यह जानकारी देते हुए संकेत दिया कि तेहरान अभी भी अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता की संभावना को पूरी तरह खारिज नहीं कर रहा।
सरकारी समाचार एजेंसी इरना के मुताबिक, मोहजेरानी ने कहा कि अमेरिका के साथ बातचीत के लिए कोई निश्चित तारीख तय नहीं की गई है, और यह जल्द शुरू होने की उम्मीद नहीं है, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय अब तक नहीं हुआ है। विश्लेषकों के अनुसार, ईरान का यह लहजा इस ओर इशारा करता है कि वह अंतरराष्ट्रीय दबाव और संभावित आर्थिक संकट से बचना चाहता है।
मोहजेरानी ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि फोर्दो, इस्फ़हान और नतांज में "गंभीर नुकसान" हुआ है—ये स्थल ईरान के परमाणु कार्यक्रम की रीढ़ माने जाते हैं।
इस बीच, ईरानी न्यायपालिका के प्रवक्ता असगर जहांगीर ने सोमवार को बताया कि इज़राइली हमलों में अब तक 935 नागरिक मारे गए हैं, जिनमें 38 बच्चे और 102 महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन हमलों का उद्देश्य ईरान के सैन्य कमांडरों और वैज्ञानिकों को निशाना बनाकर डर और अराजकता फैलाना था।
हालांकि, जहांगीर और देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई दोनों ने दावा किया कि ईरान ने यह युद्ध "जीत" लिया है।
दूसरी ओर, अमेरिका स्थित मानवाधिकार समूहों ने कहा है कि उनके पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इस संघर्ष में 1,190 लोग मारे गए हैं, जिनमें 435 सैनिक शामिल हैं।