India is shaping its development path with an economically strong, climate-responsible approach: UNDP
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि भारत ने दिखाया है कि आर्थिक वृद्धि और सामाजिक समावेशन एक साथ संभव हैं तथा वह अपनी सफलता की कहानियों से ऐसे उदाहरण पेश कर रहा है जो अधिक न्यायसंगत दुनिया के निर्माण में सहायक हैं।
यूएनडीपी के कार्यवाहक प्रशासक हाओलियांग शू ने कहा कि भारत की विकास की गाथा केवल आर्थिक प्रगति के बारे में नहीं है बल्कि यह प्रौद्योगिकी एवं सहभागी शासन के इस्तेमाल से यह सुनिश्चित करने की भी कहानी है कि विकास के उद्देश्य प्राप्त हों और कोई भी पीछे न छूटे।
शू ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि जलवायु अनुकूलन, नवीकरणीय ऊर्जा और समावेशी डिजिटल वित्त के प्रति भारत की प्रतिबद्धता, विकास और निरंतरता के बीच संतुलन बनाने का एक खाका प्रस्तुत करती है।
उन्होंने कहा कि भारत ऐसे ’’विकास पथ’’ तैयार कर रहा है जो आर्थिक रूप से सुदृढ़ और जलवायु के अनुकूल हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव और यूएनडीपी के कार्यकारी प्रशासक शू डिजिटल परिवर्तन और जलवायु के अनुकूल कदमों सहित सहयोग के नए क्षेत्रों को मजबूत करने और उनकी पहचान करने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं।
शू ने वैश्विक चुनौतियों के बारे में बात करते हुए कहा कि यूएनडीपी के हालिया मानव विकास सूचकांक से पता चलता है कि मानव विकास में वैश्विक प्रगति 35 वर्षों के निम्नतम स्तर पर आ गई है तथा पिछले दो वर्ष से यह लगभग स्थिर बनी हुई है।