इमरान खान की बढ़ेगी मुसीबत,सुरक्षा एजेंसियों को नहीं मिले विदेशी साजिश के सबूत

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 06-04-2022
इमरान खान की बढ़ेगी मुसीबत,सुरक्षा एजेंसियों को नहीं मिले विदेशी साजिश के सबूत
इमरान खान की बढ़ेगी मुसीबत,सुरक्षा एजेंसियों को नहीं मिले विदेशी साजिश के सबूत

 

आवाज द वाॅयस / इस्लामाबाद

इमरान खान की मुसीबत बढ़ सकती है. सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को यह कहकर खारिज कर दिया गया था कि इसके पीछे विदेशी ताकतों का हाथ है. मगर विदेषी समाचार एजेंसी ने इमरान खान सरकार की दलील को खारिज कर दिया है, ऐसे में उनकी मुसीबत बढ़ सकती है.

ब्रिटिश समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्ष द्वारा दायर अविश्वास प्रस्ताव के पीछे किसी विदेशी साजिश का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं मिला.

रॉयटर्स ने मामले से परिचित एक अधिकारी के हवाले से कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को इमरान खान के अविश्वास प्रस्ताव के पीछे अमेरिकी साजिश का कोई सबूत नहीं मिला है.

प्रधानमंत्री इमरान खान और नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने कहा था कि पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, जिसमें नागरिकों के साथ सेना प्रमुख और सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख शामिल हैं, ने सरकार को हटाने की साजिश की पुष्टि की थी.

हालांकि, अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर भारत की न्यूज एजेंसियों को बताया कि सुरक्षा एजेंसियां उस निष्कर्ष पर नहीं पहुंची हैं जिसे इमरान खान व्यक्त कर रहे हैं .इमरान खान अफगानिस्तान पर अमेरिकी हमले के आलोचक रहे हैं और उन्होंने विपक्षी दलों पर अमेरिकी साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है. अमेरिकी

विदेश विभाग पहले ही आरोपों से इनकार कर चुका है.रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता से सेना परेशान है, क्योंकि राजनीतिक अनिश्चितता खत्म करने के नाम पर सेना पहले ही तीन बार सत्ता हथिया चुकी है.

वर्तमान संकट ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंधों को भी खतरे में डाल दिया है.इससे पहले पीएमएल-एन के प्रमुख शाहबाज शरीफ ने मांग की कि सेना प्रमुख और खुफिया एजेंसियों के प्रमुख इमरान खान के आरोपों की जांच करें.

अमेरिका ने इमरान खान को मास्को जाने की सजा दी है. रूसी विदेश मंत्रालय रूस ने कहा कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली का विघटन एक स्वतंत्र देश के आंतरिक मामलों में संयुक्त राज्य अमेरिका के शर्मनाक हस्तक्षेप को साबित करता है.

रूसी राज्य समाचार एजेंसी तास के अनुसार, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रतिनिधि मारिया जखारोवा ने मीडिया को दिए बयान में यह बातें कही हैं.विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को भंग करने का फैसला इमरान खान के रूस दौरे के बाद आया है.

संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने प्रधानमंत्री इमरान खान पर रूस का दौरा बंद करने के लिए तीव्र दबाव डाला था.दूसरी ओर, संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के आरोपों को नकार दिया है. कहा है कि वह पाकिस्तान में संवैधानिक और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के शांतिपूर्ण वर्चस्व का समर्थन करता है.

विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जैसा कि आपने पिछले सप्ताह सुना, हम पाकिस्तान में संवैधानिक और लोकतांत्रिक सिद्धांतों की सर्वोच्चता का समर्थन करते हैं.पूरी दुनिया के मामले में, हम एक राजनीतिक दल का दूसरे के खिलाफ समर्थन नहीं करते हैं. हम अपने व्यापक सिद्धांतों का पालन करते हैं, जो कानून के शासन और कानून के तहत सभी के लिए न्याय पर आधारित हैं.

उधर, अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद यह मामला पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. कोर्ट इमरान खान के रवैये से नाराज है. ऐसे में इमरान खान के खिलाफ फैसला आ सकता है.