आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने छठी समीक्षा के तहत बातचीत के बाद पाकिस्तान को 1.5 अरब डॉलर के ऋण की सिफारिश की है.पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच एक कर्मचारी स्तर का समझौता हो गया है. संवितरण पर अंतिम निर्णय आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड द्वारा लिया जाएगा.
आईएमएफ का कहना है कि ऋण कार्यक्रम की बहाली पूर्व शर्त के कार्यान्वयन पर सशर्त होगी.आईएमएफ के मुताबिक सरकारी संस्थानों में भ्रष्टाचार को खत्म करना है, जबकि टैक्स बेस बढ़ाने और टैक्स छूट को खत्म करने का प्रस्ताव किया गया है.
पाकिस्तान का चालू खाता घाटा बढ़ गया है और रुपये में गिरावट आई है. इस साल जीडीपी की वृद्धि दर 4 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है.बयान के मुताबिक, पाकिस्तान ने अपने प्रदर्शन लक्ष्यों को जून तक बड़े अंतर से पूरा कर लिया है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा योजना के कार्यान्वयन, और प्रदर्शन की भी प्रशंसा की गई है.