आवाज द वाॅयस /अंकारा
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कहा कि उन्होंने अपने विदेश मंत्रालय से मानवाधिकार कार्यकर्ता उस्मान कवाला की रिहाई की वकालत करने पर संयुक्त राज्य अमेरिका और नौ अन्य पश्चिमी देशों के राजदूतों को निष्कासित करने के आदेश दिए हैं.
विदेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, स्वीडन और अमेरिका के दूतावासों ने चार साल से बंद मानवाधिकार कार्यकर्ता उस्मान कवाला को रिहा करने की संयुक्त अपील जारी की थी.
बाद में दिन में, 10 राजदूतों को तुर्की विदेश मंत्रालय में बुलाया गया और राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन के उल्लंघन पर उन्हें देश से निष्कासित करने की धमकी दी गई.एर्दोगन ने अपने ट्विटर पर प्रसारित एस्किसेहिर शहर में एक सार्वजनिक संबोधन में कहा, ‘‘मैंने अपने विदेश मंत्री को यह सुनिश्चित का निर्देश दिया है कि इन दस राजदूतों को व्यक्तिगत रूप से गैर-ग्रेटे घोषित किया जाए.‘‘
बता दें कि कवाला, एक प्रसिद्ध तुर्की व्यवसायी और मानवाधिकार कार्यकर्ता के अलावा अनादोलु कल्टूर फाउंडेशन के संस्थापक हैं. वह जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं. विशेष रूप से तुर्की और अर्मेनियाई आबादी के बीच सुलह और कुर्द मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान को प्रयासरत रहते हैं.
फरवरी 2020 में, तुर्की की एक अदालत ने कवाला को 2013 में सरकार विरोधी गीजी पार्क विरोध प्रदर्शनों के आरोप में गिरफ्तार किया था. हालांकि, उसी दिन, इस्तांबुल अभियोजक के कार्यालय ने एक नया वारंट जारी किया जिसने कवाला को 2016 के असफल तख्तापलट के आरोपों में फिर से गिरफ्तार कर लिया.