आवाज द वॉयस /नई दिल्ली
घर की बेकार चीजों का सही इस्तेमाल कर, उससे कई तरह की बेहतरीन चीजों का निर्माण कर महिलाएं आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बन सकती हैं. इस मकसद के तहत आवाज ए ख््वातीन ने दिल्ली के जसोला विहार में एक कार्यशाला रिसाइकिल एंड अर्न का आयोजन किया. इसका आयोजन एनएसईआरडी के सहयोग से किया गया.
कार्यशाला में एयर फोर्स वाइव्स एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष आशा भदौरिया ने महिलाओं को पुराने और बेकार सामान का इस्तेमाल कर तरह-तरह की चीजों का निर्माण के गुर सिखाए. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य सैयद शहजादी, आवाज ए ख््वातीन की निदेशक रत्ना शुक्ला आनंद और एनएसईआरडी के चेयरमैन मोहम्मद कैफ मौजूद थे. इस कार्यशाला में 100 से अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया.
कार्यशाला में हिस्सा लेने आई महिलाओं को संबोधित करते हुए सैयद शहजादी ने कहा कि कुरान में बार-बार इल्म शब्द का इस्तेमाल हुआ है. हमारा मजहब हमें सिखाता है कि इल्म हासिल करो. अगर इसके लिए चीन भी जाना पड़े तो जाओ. उन्होंने कहा कि समाज और मुल्क की तरक्की के लिए महिलाओं का पढ़ना बहुत जरूरी है. आप पढ़ लिख कर आगे बढ़ेंगी तो आपका परिवार आगे बढ़ेगा. आपका परिवार आगे बढ़ेगा तो देश आगे बढ़ेगा.
इस मौके पर आशा भदौरिया ने महिलाओं से कहा कि आप कोशिश कीजिए कि घर का काम दो घंटे में खत्म हो जाए. उसके बाद घर की बेकार चीजों से, जिसका इस्तेमाल आप नहीं कर रही हैं, उसका सही इस्तेमाल कर तरह तरह की चीजों का निर्माण कर सकती हैं.
बाजार में यह चीजें आसानी से बिक जाती हैं. उन्होंने कहा कि अगर आपने ऐसा किया तो आप आर्थिक रूप से मजबूत होंगी. आप अपने बच्चों को बेहतर जिंदगी दे सकेंगी. कार्यशाला के दौरान आशा भदौरिया ने महिलाओं को बताया कि कैसे जूट के इस्तेमाल से तरह-तरह की चीजें बनाई जा सकती हैं. आशा भादौरिया में कहा कि जब हम अगली बार आएंगे तो देखेंगे कि आप लोगों ने घर के बेकार सामान से किन-किन चीजों का निर्माण किया है.
इस मौके पर महिलाओं को संबोधित करते हुए आवाज ए ख््वातीन की निदेशक रत्ना शुक्ला आनंद ने बताया कि हमारा मकसद है कि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें. इस मकसद से कार्यशाला आयोजित किया गया है.
बेकार सामान को नए और सुंदर उत्पादों में तबदील करके आप घर बैठे कारोबार कर सकती हैं. बाजार में कई ऐसी कंपनियां हैं जो ऑनलाइन कारोबार करती हैं. ये कंपनियां आपके हाथों से बने सामान को भी बेचेंगी. उन्होंने महिलाओं को अर्थिक स्वतंत्रता के साथ बैंकिंग के प्रति भी जागरूक किया. कार्यशाला में महिलाओं को साफ-सफाई के प्रति भी जागरूक किया गया.
इस मौके पर मोहम्मद कैफ ने महिलाओं से कहा कि अगर वो तय कर लें कि उन्हें अपने और अपने परिवार को बेहतर जिंदगी देने के लिए अपने पैरों पर खड़े होना है तो उनके प्रयासों में साथ देने के लिए हाथ जरूर आगे बढ़ेंगे.