मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली
लैंगिक समानता की एक और मिसाल सऊदी अरब से सामने आई है. पहली बार यहां कोई महिला सार्वजनिक टैक्सी चलाते सड़कों पर नजर आई. अब तक कुछ बड़े ओहदे पर ही महिलाएं दिख रही थीं. छोटे पदों और कामों में भी अब उनकी उपस्थिति दर्ज की जाने लगी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश के पूर्वी प्रांत में अल-अहसा गवर्नरेट ने सार्वजनिक टैक्सी चलाने वाली महिला ड्राइवरों को तैनात किया है. महिला टैक्सी ड्राइवरों में से एक, मुनीरा अल-मरा ने स्वीकारा कि ड्राइविंग के अपने सहज प्रेम के कारण उसने इस पेशे को अपनाया है.
समाचार एजेंसी अल-एकबरिया के अनुसार, मुनीरा को ड्राइविंग में 30साल का अनुभव है. उन्होंने पिकअप और भारी वाहन तक चलाए हैं. वह सभी प्रकार के वाहन चला सकती हैं. यही नहीं, वाहन के इंजन में खराबी आए तो साइट पर उसे ठीक भी कर सकती हैं.— Madawi Al-Rasheed (@MadawiDr) September 26, 2017
अल-एखबरिया के एक सर्वेक्षण से पता चला कि चुनौतीपूर्ण नए करियर को चुनने में सऊदी महिलाएं ड्राइविंग के पेशे को अहमियत दे रही हैं. अभी 500लिमोसिन ड्राइव हैं, जो राज्य के भीतर और बाहर अपनी सेवाएं दे रही हैं. विशेष रूप से, अल-अहसा प्रांत की महिलाएं, इस पेशे में अधिक आ रही हैं.
महिला ड्राइवर ग्राहकों राज्य के विभिन्न क्षेत्रों और प्रांतों में लाने, ले जाने का काम कर रही हैं. रियाद और दम्मम के बीच इन्हें टैक्सी चलाते बड़ी संख्या मंे देखा जा सकता है . उनके ग्राहकों में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देश भी शामिल हैं, क्योंकि अल-अहसा क्षेत्र संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कतर और बहरीन के करीब है.
2018 में, इतिहास में पहली बार, महिलाओं के ड्राइविंग पर दशकों पुराने प्रतिबंध को समाप्त करते हुए, महिलाओं को गाड़ी चलाने की अनुमति दी गई थी.इस साल जून में, सऊदी अरब ने घोषणा की कि 17वर्ष की आयु की लड़कियां मर्दों की तरह ही वाहनों के लिए ड्राइविंग परमिट प्राप्त कर सकती हैं.
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए एक और कदम में, सऊदी अधिकारियों ने महिलाओं को अभिभावक की मंजूरी के बिना यात्रा करने और पासपोर्ट के लिए आवेदन करने की अनुमति दी है. उन पर लंबे समय से चली आ रही प्रतिबंधों में राहत दी गई है.
ये कदम देश की अर्थव्यवस्था में विविधता लाने के लिए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 योजना का हिस्सा है. कार्यक्रम का एक लक्ष्य श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी को 30 प्रतिशत तक बढ़ाना है.
— Amro Ali (@_amroali) September 26, 2017