ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता में जीडीसी करगिल की साजिदा और जीएचएस बारो की नासरा रहीं अव्वल

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 13-02-2021
करगिल-लद्दाख की साजिदा बानो, नासरा और बिलकीस बानो के नयनाभिराम चित्र
करगिल-लद्दाख की साजिदा बानो, नासरा और बिलकीस बानो के नयनाभिराम चित्र

 

 

फिरोज अहमद

करगिल-लद्दाख में महिला सशक्तिकरण के तहत ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ थीम के तहत जिला स्तरीय ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई. जीडीसी करगिल की कक्षा 1 की साजिदा बानो ने सीनियर वर्ग में प्रथम स्थान और कक्षा 10वीं की जीएसएचओ बारसू की नासरा ने जूनियर वर्ग में प्रथम स्थान हासिल किया. 

प्रतियोगिता का आयोजन वेव लद्दाख फाउंडेशन द्वारा कारगिल और लद्दाख के छात्रों के लिए सारा फाउंडेशन के सहयोग से किया गया था.

इस प्रतियोगिता में विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के 50 से अधिक छात्राओं ने प्रतियोगिता में भाग लिया.

छात्राओं ने जीवन और प्रकृति में महिला के सर्वांगीण योगदान और हस्तक्षेप पर अपनी कल्पनाओं को उड़ान दी और उनकी कूची ने नयनाभिराम चित्रों का अर्थपूर्ण सृजन किया.

एनआईटी श्रीनगर की मुसकान बिलाल और जीडीसी करगिल के छठे सेमेस्टर की बिलकीस बानो को दूसरे स्थान पर चुना गया. जबकि सीनियर वर्ग में ओडी एमएएम कॉलेज की जैबुन्निसा तीसरे स्थान पर रहीं. जूनियर श्रेणी में एमपीएस की 9वीं कक्षा की फातिमा निसा दूसरे स्थान पर और जीएचएसएस अकचमाल की 12वीं कक्षा की हकीमा बानो और जीएचएसएस अकचमाल की 10वीं कक्षा की चोचो नरगिस को तीसरे स्थान पर रहीं.

सज्जाद हुसैन बॉब वेव लद्दाख फाउंडेशन के सह संस्थापकों में से एक हैं और उन्होंने पूरे वर्चुअल कार्यक्रम का समन्वय किया.

बॉब के अनुसार जूरी सदस्यों के लिए इन चित्रों का मूल्यांकन करना वास्तव में कठिन हो गया था, क्योंकि सभी बेहद आकर्षक थे.

बॉब ने कहा कि करगिल-लद्दाख ने हमेशा महिला सशक्तीकरण का समर्थन किया है और सोसाइटी में यह देखा गया कि लोग अपने लड़कों और लड़कियों दोनों को समान तरीके से शिक्षित करते हैं और पूरे क्षेत्र के लिए सबसे अच्छे उदाहरण हैं.

उन्होंने आगे कहा कि करगिल में महिलाएं रचनात्मक हैं और वे प्रदर्शन के मामले में हमेशा शीर्ष पर रहती हैं.