'Muslim Bhola' became famous in Kavad Yatra: He collected 101 liters of Ganga water
अर्सला खान /नई दिल्ली
हरिद्वार से लेकर देशभर में इन दिनों सावन की कांवड़ यात्रा जोरों पर है, लेकिन इस बार एक अनोखी घटना ने सबका ध्यान खींचा है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक मुस्लिम युवक को 101 लीटर पवित्र गंगाजल उठाकर कांवड़ यात्रा करते हुए देखा जा रहा है.
यह वीडियो इंस्टाग्राम अकाउंट @vlogermanojrj32 पर शेयर किया गया है, जो देखते ही देखते लाखों लोगों तक पहुंच गया और सांप्रदायिक सौहार्द्र का प्रतीक बन गया. इस युवक को लोग ‘मुस्लिम भोला’ कहकर संबोधित कर रहे हैं, जिसने अपने कंधों पर भारी जल की कांवड़ उठाकर यह साबित किया कि भक्ति की कोई जाति, मजहब या सीमाएं नहीं होतीं. श्रद्धालुओं और राह चलते लोगों ने उसके इस कदम को नमन किया और कई ने तो वीडियो देखकर भावुक प्रतिक्रियाएं दीं. इस युवक का असली नाम साकिर खान है.
साकिर खान ने इस यात्रा के दौरान बताया कि वो कैसे इस एकता को कायम रखते हैं. उनका कहना है कि उनके पिता से ही उन्हें ये इंस्पिरेशन मिलती है कि भाईचारा सबसे बड़ी चीज है. साथ ही उनका कहना है कि जात-पात कुछ नहीं होती. 
वीडियो ने जिता सबका दिल
वीडियो में दिखाया गया है कि युवक पूरी श्रद्धा के साथ यात्रा में शामिल है और 'हर-हर महादेव' के जयकारों के बीच भोलेनाथ के दर्शन को निकला है. 101 लीटर गंगाजल लेकर उसने शिवलिंग का जलाभिषेक किया, जो सिर्फ भक्ति नहीं, बल्कि एक बड़े सामाजिक संदेश का प्रतीक बन गया.
इस वीडियो पर हज़ारों कमेंट्स आ चुके हैं. एक यूज़र ने लिखा, “ये ही है असली भारत. जहां मजहब से पहले मोहब्बत और भक्ति आती है.” वहीं किसी ने कहा, “मुस्लिम भोला ने दिखा दिया कि दिल से बड़ा कोई धर्म नहीं होता.”
भाईचारे की मिसाल
यह कोई पहला मौका नहीं है जब किसी मुस्लिम व्यक्ति ने हिंदू आयोजन में भाग लेकर भाईचारे की मिसाल पेश की हो, लेकिन इस बार युवक के कंधों पर रखे भारी गंगाजल की तरह ही उसका संदेश भी भारी और मजबूत निकला—धर्म बांटता नहीं, जोड़ता है.
जहां देश में कई बार धर्म को लेकर विवाद खड़े होते हैं, वहीं ऐसे दृश्य उम्मीद देते हैं कि दिलों में प्रेम और सम्मान हो तो हर मजहब एक दूसरे का हाथ थाम सकता है. इस वीडियो ने ये साफ कर दिया है कि “कांवड़ में सिर्फ जल नहीं, बल्कि एकता का भी प्रवाह होता है.”