पटना में 70 फीट ऊंचा रावण तैयार कर रहे हैं मुस्लिम कारीगर

Story by  सेराज अनवर | Published by  [email protected] | Date 17-10-2023
Muslim artisans are preparing 70 feet high Ravana in Patna.
Muslim artisans are preparing 70 feet high Ravana in Patna.

 

सेराज अनवर/पटना 

बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा बिहार में हिन्दू-मुस्लिम एकता पेश कर रहा है.कला का कोई मज़हब नहीं होता,यह पटना के गांधी मैदान में निर्मित रावण को खड़ा करने में दिख रहा है.यहां रावण इस्लाम धर्म के मानने वाले कलाकारों ने बनाया है और उसे जलाएंगे सनातनधर्मी.

रावण पर पहला तीर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चलाएंगे.अथार्त,बुराई के ख़ात्मा में मजहब की दीवारें गिर जायेंगी.24 अक्टूबर को विजयदशमी के दिन मोहम्मद अहमद साथ एक दर्जन मुस्लिम कारीगरों द्वारा बनाया गया रावण को जलाने हज़ारों हिन्दू भाई जुटेंगे.न मुसलमानों को अहमद के रावण बनाने पर एतराज़ है और न हिन्दुओं को मुस्लिम कारीगरों से परहेज़.

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पटना में दशहरा गंगा-जमुनी तहज़ीब के तौर पर मनाया जाता है.राजा बाजार और राजधानी पटना के अन्य स्थानों पर दुर्गा पूजा समितियों में मुसलमान भी शामिल होते हैं.अल्पसंख्यक मुहल्लों का सम्पर्क सड़क बेली रोड में दशहरा मेला में मुसलमानों को भी घूमते देखा जा सकता है.गांधी मैदान में मुस्लिम कारीगरों द्वारा रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण का पुतला बन कर तैयार है.

दशहरा में सौहार्द का यह प्रतीक सालों से ऐसे ही चलता चला आ रहा है.पहले गया निवासी अहमद के हाजी चाचा मोहम्मद जमाल रावण का निर्माण करते थे.2001 यानी दो दशक से भतीजे मोहम्मद अहमद पटना में रावण बनाने का काम कर रहे हैं.उनके साथ एक-दो हिन्दू कारीगर भी है.दस-बारह के क़रीब मुस्लिम कारीगरों ने रावण को रूप-रंग देने का काम किया है.

दो कारीगर जयपुर को छोड़ बाक़ी बिहार के गया,अरवल,डेहरी ऑन सोन के रहने वाले हैं.पटना दशहरा कमेटी के चेयरमैन कमल नोपानी ने बताया कि रावण वध की तैयारी पूरी कर ली गई है. पिछले साल की तरह इस बार भी बिहार के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम को आमंत्रित किया गया है. पिछले साल की तरह इस बार भी उम्मीद है कि रावण को तीर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही मारेंगे. 

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अहमद कब से बना रहे रावण ?  

मोहम्मद अहमद कहते हैं कि धर्म अपनी जगह,हम लोग रावण निर्माण में अपनी कला दिखाते हैं.कला का कोई मज़हब नहीं होता.कला को हज़ार छुपायें,छुपती नहीं है.उनका कहना है कि जब से होश संभाला रावण बनाने का काम कर रहे हैं.

हमारे यहां यह कारीगरी कई पीढ़ियों से चल रही है.पहले मेरे चाचा हाजी मोहम्मद जमाल इस काम को करते थे.2001 से हमने काम सम्भाल लिया है.हमारे साथ सभी मुस्लिम कारीगर हैं.दो लड़के हिन्दू भी हैं. रावण,मेघनाथ और कुंभकर्ण को बनाने में महीना दिन लग जाता है.

एक महीने पहले हम पटना पहुंच जाते हैं.21 सितम्बर से रावण बनाने का काम शुरू हुआ.यानी पिछले एक महीने से यह मुस्लिम कारीगर पटना के गांधी मैदान में रावण वध कार्यक्रम की तैयारी में जुटे हुए हैं.चौदह लोगों की टीम है हमारे साथ.वह कहते हैं कि रावण बुरा आदमी था.बुराई के खिलाफ हर मजहब के लोगों को मिल कर साथ खड़ा होना होगा.तब ही बुराई को जड़ से मिटा सकेंगे.

वह कहते हैं कि एक मुस्लिम हो कर रावण बनाने में दुःख,शर्म या अल्लाह नाराज़ हो जायेगा ऐसी कोई भावना नहीं है.मुस्लिम भाईयों ने कभी बुरा नहीं माना और न कभी हिन्दू भाईयों ने रावण के बनाने पर एतराज़ किया.हम ख़ुशी-ख़ुशी रावण बनाते हैं.यह मेरा पुश्तैनी पेशा है.धर्म की दीवार तो सियासतदानों ने बनाया है. 

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इस बार रावण का नहीं चलेगा नखरा

इस बार रावण के पुतले की हाइट 70 फीट रखी गयी है.जबकि मेघनाथ की हाइट 65 फीट और कुंभकरण की हाइट 65 फीट है.कोरोना काल में रावण की ऊंचाई 15 फीट, कुंभकरण 14 फीट और मेघनाथ की ऊंचाई घटकर 13 फीट हो गई थी. पुतले को बनने के बाद इसकी बार्निस की गयी और उस पर प्लास्टिक का कवर भी चढ़ाया जा रहा है.

ऐसे में बारिश होने पर भी तीनों पुतले गलेंगे नहीं और रावण वध के दौरान यह धू-धू कर जलेंगे.रावण वध समारोह के दौरान ईको फ्रेंडली पटाखे के विस्फोट से दशानन का पुतला जलेगा. इसी तरह मेघनाथ और कुंभकर्ण को भी जलाया जाएगा.

पटाखे कोलकाता से मंगाए गये हैं.मोहम्मद अहमद का कहना है कि पहले रावण का वध करने के लिए बड़ा विस्फोट कराना होता था, लेकिन इस बार वध में 20 पटाखा (हाइड्रो) रावण में लगाया गया है, जबकि 15-15 मेघनाथ और कुम्भकरण में लगाया गया है.

कम पटाखा लगाने के पीछे यही उद्देश्य है कि इसकी आग इधर उधर नहीं फैले.साथ ही इस तरह से पुतलों को खड़ा किया जा रहा है कि तेज आंधी में भी गिरें नहीं. क्योंकि पिछली बार तेज हवा के झोंकों के बीच रावण का पुतला जलने से पहले ही जमीन पर गिर गया था.

जलने से पहले ख़ूब नख़रा दिखाया था.बाद में किसी प्रकार क्रेन के सहारे उसे दोबारा खड़ा कर जलाया जा सका था.कारीगरों ने बताया कि फिर से वैसी नौबत नहीं आए, इसका पूरा ख्याल रखा गया श्री दशहरा कमिटी ट्रस्ट के चेयरमैन कमल नोपानी ने कारीगरों को सख्त हिदायत दी है कि इस बार पिछले साल की तरह कोई घटना न हो.

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मुस्लिम कारीगरों द्वारा रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण का पुतला बनाया जाएगा.इसबार पटना में बड़े धूमधाम के साथ रावण वध के कार्यक्रम की तैयारी चल रही है. विजयादशमी के मौके पर 24 अक्टूबर को इस बार पटना के गांधी मैदान में रावण वध समारोह का आयोजन किया जाएगा.

इस बार दक्षिण भारतीय परिधान में रावण नजर आएगा.इस बार बारिश होने पर किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए वाटरप्रूफ रावण का निर्माण किया गया है.विजयदशमी के दिन गंगा-जमुनी तहजीब का शहर अज़ीमाबाद मुस्लिम कारीगरों के हाथों बने पुतला को फूंका जाएगा तो रावण,मेघनाथ और कुंभकर्ण के साथ समाज में बोयी जा रही हिन्दू-मुस्लिम नफरत की खेती भी जल कर खाक हो जायेगी.