संविधान का पालन सभी वर्गों के लिए जरूरी ,सुरक्षा की गारंटी भी

Story by  मोहम्मद अकरम | Published by  [email protected] | Date 26-01-2024
Adherence to the Constitution is necessary for all classes, security is also guaranteed.
Adherence to the Constitution is necessary for all classes, security is also guaranteed.

 

मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली

हमारा देश बहु-धार्मिक है, यहाँ बहुलता में एकता है जिसके तहत भारत का संविधान सभी धर्मों के अनुयायियों को अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से पालन करने की अनुमति देता है, जो कि दुनिया के किसी अन्य देश में नहीं है. संविधान का पालन करना ही संविधान की रक्षा .

जो लोग समाज में नफरत और भेदभाव करके किसी भी धर्म या वर्ग के खिलाफ साजिश करते हैं, वे भारत के संविधान का उल्लंघन करते हैं, वह समाज का दुश्मन है और जो देश की अखंडता और अस्तित्व के लिए खतरा पैदा करते हैं.
 
उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना सरकार की जिम्मेदारी है. ये बातें गणतंत्र दिवस से पूर्व गुरुवार को न्यू जाफराबाद स्थित हुडा मॉडर्न पब्लिक सेकेंडरी स्कूल में आयोजित गणतंत्र दिवस के गरिमामय समारोह में शिक्षकों के साथ ध्वजारोहण करने के बाद विद्यालय के प्रबंधक हाजी इकराम हसन ने छात्रों को संबोधित करते हुए कही.
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सभी धर्मों और जातियों के लोगों देश का आजाद कराया

हाजी इकराम ने आगे कहा कि हमारे देश ने सालों तक अंग्रेजों के खिलाफ जंग जारी रखी. सभी धर्मों और जातियों के लोगों ने एकजुट होकर देश को स्वतंत्र कराया.
 
आजादी मिलने के बाद 26 जनवरी 1950 को हमारे देश में एक धर्मनिरपेक्ष संविधान लागू किया गया. संविधान का पालन सभी वर्गों के लिए जरूरी है और यही इसकी सुरक्षा की गारंटी है.
 
संविधान का पालन करना हम सभी की जिम्मेदारी

वहीं दूसरी तरफ़ डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल (उर्दू मीडियम) जाफराबाद में 75वां गणतंत्र दिवस मनाया गया, जिसमें सीलमपुर विधायक अब्दुल रहमान मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और झंडा फहराकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
 
विधायक अब्दुल रहमान ने कहा कि गणतंत्र दिवस हम नागरिकों के लिए बहुत ही खास दिन है, जब देश की आजादी के बाद कई प्रमुख हस्तियों की मौजूदगी में भारत का संविधान लागू किया गया, जिसमें सभी लोगों को समान अधिकार दिए गए हैं. इसका पालन करना हम सभी की जिम्मेदारी है.
 
परंपरा को कायम रखना भारतीयों के दिल में है

प्रधानाचार्य रियाजुल हसन खान ने अपने संबोधन में गणतंत्र दिवस के इतिहास, परंपरा और महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि परंपरा को कायम रखना भारतीयों के दिल में है, इसलिए हमें अपने बुजुर्गों की तरह अपने देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए जिससे हमारा ये खूबसूरत देश अपने खूबसूरत भविष्य के लिए तैयार हो सके.
 
शिक्षा को अपना हथियार बनाएं

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र एक शक्ति है और इसका लाभ केवल वही लोग उठा सकते हैं जो शिक्षित हैं, इसलिए आइए हम शिक्षा को अपना हथियार बनाएं और लोकतांत्रिक शक्ति का उपयोग करें.