आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
पीवी सिंधू और एचएस प्रणय जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की हार के झटके से उबरने में नाकाम रही भारतीय टीम को बीडब्ल्यूएफ सुदीरमन कप फाइनल्स में ग्रुप डी के अपने पहले मैच में रविवार को यहां डेनमार्क के खिलाफ 1-4 से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा.
इंडोनेशिया और इंग्लैंड के साथ एक कठिन ग्रुप में रखे गए भारत को अपनी क्वालिफिकेशन उम्मीदों को जीवित रखने के लिए मजबूत शुरुआत की जरूरत थी लेकिन टीम ऐसा करने में विफल रही.
डेनमार्क ने पांच मैचों के मुकाबले के पहले तीन मैच जीतकर 3-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली.डेनमार्क अपने शीर्ष एकल खिलाड़ियों विक्टर एक्सेलसन और मिया ब्लिचफेल्ड के बिना खेलते हुए भी भारतीयों के खिलाफ काफी मजबूत साबित हुआ। दूसरी तरफ भारत की सबसे बड़ी उम्मीद प्रणय और सिंधू अपने-अपने मैच सीधे गेमों में हार गए.
तनिषा क्रास्टो और ध्रुव कपिला की मिश्रित युगल जोड़ी ने भारतीय अभियान की शुरुआत की, लेकिनजेस्पर टोफ्ट और अमाली मैगेलुंड की दुनिया की सातवें नंबर की जोड़ी से 13-21 14-21 से हार गई. प्रणय इसके बाद दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी एंडर्स एंटोनसेन को कड़ी टक्कर नहीं दे सके। उन्हें सीधे गेम में 15-21 16-21 से हार का सामना करना पड़ा.
मुकाबले में भारत को बनाये रखने की जिम्मेदारी अब हरिहरन अम्सकरुणन और रुबन कुमार रेथिनासाबापति की अनुभवहीन भारतीय पुरुष युगल जोड़ी पर थी लेकिन यह मुकाबला पूरी तरह एकतरफा साबित हुआ. किम एस्ट्रुप और एंडर्स स्कारुप रासमुसेन की दुनिया की नंबर एक जोड़ी ने 21-7, 21-4 से एकतरफा जीत दर्ज कर मैच को डेनमार्क के नाम कर दिया. चोट से वापसी के बाद खराब लय से गुजर रही विश्व रैंकिंग में 18वें स्थान पर काबिज सिंधू दोनों गेम में 20-16 और 19-12 की बड़ी बढ़त को भुनाने में नाकाम रही. इस साल पांच टूर्नामेंटों में सिर्फ तीन जीत दर्ज करने वाली सिंधू को लाइन होजमार्क केजेर्सफेल्ड ने 22-20, 23-21 से शिकस्त दी.
तनीषा क्रास्टो और श्रुति मिश्रा ने महिला युगल में जीत हासिल करके भारत के लिए कुछ सम्मान बचाया। भारतीय जोड़ी ने निचली रैंकिंग वाली डेनमार्क की जोड़ी नतास्जा पी. एंथनीसन और एलेक्जेंड्रा बोजे को हराया. भारत का अगला मुकाबला 29 अप्रैल को इंडोनेशिया की मजबूत टीम से होगा. सुदीरमन कप में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2011 और 2017 में दो बार क्वार्टर फाइनल में पहुंचना रहा है.